Friday , 31 March 2023

किसान रो रहे हैं प्याज के आंसू, पाकिस्तान में 250 रुपये किलो, यहां 5 रुपये किलो खरीदने वाला नहीं

नई दिल्ली New Delhi : इस समय दुनिया भर में प्याज (Onion) की भारी कमी हो गई है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में यह 250 रुपये किलो मिल रही है. लेकिन, हिन्दुस्तान में प्याज को कोई पूछने वाला नहीं है. यहां इसकी इतनी अधिक पैदावार हो गई है कि इसके दाम जमीन पर आ गए हैं. देश के कमोबेश सभी हिस्से में प्याज किसानों की हालत खराब है. देश में प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में भी किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे हैं. अन्य जगह की तो बात ही छोड़ दीजिए.

दिल्ली में भी घटे प्याज के भाव

दिल्ली की गाजीपुर मंडी में प्याज के थोक व्यापारी पंकज गुप्ता ने बताया कि यहां गुजरात की प्याज 6 से 7 रुपये किलो, नासिक की प्याज 9 से 10 रुपये किलो और पूना की प्याज 11 से 12 रुपये किलो बिक रही है. राजस्थान के सीकर की प्याज की कोई पूछ नहीं रहे हैं. क्योंकि यह गीली दिखती है. इसलिए, इसका कोई रेट नहीं लग रहा है. दरअसल, जब नासिक की सूखी प्याज 10 रुपये किलो मिल रही हो तो फिर सीकर वाले प्याज को कौन छुएगा. इस समय गाजीपुर मंडी में रोजाना 15 से 20 गाड़ी और आजादपुर मंडी में रोजाना 80 से 100 गाड़ियां आती हैं. एक गाड़ी में करीब 25 टन माल होता है.

प्याज की फसल हो गई है तैयार

गुप्ता बताते हैं कि खेत में प्याज तैयार हो चुकी है. किसान को तो उपज कहीं न कहीं ले जाकर बेचनी ही है. सीकर के किसानों का दर्द जरा गहरा है. क्योंकि उनकी प्याज को कोई उठाने वाला नहीं है. एक गाड़ी प्याज बेचने में ही 15 दिन निकल रहे हैं. तब भी रेट 3 से 4 रुपये किलो आ रहा है. इसमें 2 रुपये किलो तो भाड़े में चला जाएग. मजदूरी और वजन अलग से जाएगा. ऐसे किसान को क्या बचेगा?

सरकार खोले प्याज का एक्सपोर्ट

कारोबारियों का कहना है कि जब देश में प्याज के भाव आसमान पर होते हैं, तो सरकार एक्सपोर्ट बंद कर देती है. रेट पर अंकुश लगाती है. कई तरह के कदम उठाती है. अब प्याज का रेट नहीं मिल रहा, तब भी सरकार को कदम उठाने चाहिए. कई दूसरे देशों को छोड़िए, यहां पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्याज 250 रुपये किलो से अधिक हो गया है. वहीं किसी तरह एक्सपोर्ट की व्यवस्था हो जाए, तो किसानों को कुछ हद तक सही दाम मिल सकता है.

विदेशों में क्यों बढ़ी कीमत?

तुर्की, कजाखिस्तान और मोरक्को में भी प्याज की कीमत आसमान छू रही है. यूरोपीय यूनियन में फसल कम होने और सूखे के कारण प्याज की कीमत में तेजी आई है. पिछले साल यूरोप के कुछ हिस्सों में सूखा पड़ा था. इसका असर नीदरलैंड पर भी पड़ा था जो दुनिया में प्याज का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. मौसम की मार से भी प्याज पर असर पड़ा. उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाखिस्तान और किर्गिस्तान में पाले के कारण प्याज की फसल बर्बाद हो गई है. इसी वजह से इन देशों ने प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगा दिया है.

Check Also

देश का निर्यात पहली बार 750 अरब डॉलर पार; वित्त वर्ष 2021-22 में 20.87 लाख करोड़ के सर्विसेस का निर्यात

देश से सर्विसेस और सामान का निर्यात पहली बार 750 अरब डॉलर (61.62 लाख करोड़ …