अशोक गहलोत का कहना है कि उन्हें फोन टैपिंग मामले में पूर्व ओएसडी के आरोपों की जानकारी नहीं

जयपुर, 25 अप्रैल . राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि उन्हें उनके पूर्व विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा द्वारा 2020 में राज्य में राजनीतिक संकट के दौरान फोन टैपिंग की योजना बनाने के लगाए गए आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

कथित फोन टैपिंग मामला – जिसने 2020 में राजस्थान में राजनीतिक संकट के दौरान भारी हंगामा मचाया – ने बुधवार को उस समय एक नया मोड़ ले लिया, जब अशोक गहलोत के तत्कालीन ओएसडी लोकेश शर्मा ने फोन टैपिंग के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने कागज के एक टुकड़े के साथ खुद उन्हें एक पेन ड्राइव दी थी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थे.

शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अशोक गहलोत द्वारा मुझे दी गई क्लिपिंग और कागजात उनके निर्देश पर मीडिया के साथ साझा किए गए थे. न्यूज फ्लैश होने के बाद मुझे पेन ड्राइव में मौजूद सामग्री के बारे में पता चला.”

इस मामले पर टिप्पणी करते हुए, गहलोत ने कहा, “स्टाफ में कौन रहता है, कौन किस पार्टी में जाता है, कब पार्टी छोड़ता है और कब भाजपा में जाता है, इस पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए, बल्कि सच्चाई को देखने की जरूरत है.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान बहुत पसंद है इसलिए वह इन चुनावों के दौरान राज्य में डेरा डाले हुए हैं.

गहलोत ने कहा कि पीएम बहुत जल्दी घबरा जाते हैं. जब “मैं गुजरात का प्रभारी था तो मैंने उन्हें बहुत जल्द घबराते हुए देखा था”.

उन्होंने कहा, ”प्रचार के दौरान वह मुझे मारवाड़ी कहते थे और कहते थे कि एक मारवाड़ी गुजरात में घूम रहा है.”

उन्होंने सवाल किया, ”अब क्या मुझे यह कहना चाहिए कि मैं मारवाड़ी हूं और एक गुजराती यहां घूम रहा है.”

उन्होंने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला और कहा कि पीएम चाहे कुछ भी कहते रहें, वह चुप बैठा है. गहलोत ने कहा, “पीएम के भाषण पर 4 जून तक रोक लगनी चाहिए थी.”

जब लोकेश शर्मा से पूछा गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनका वीडियो चलाया गया था तो उन्होंने उल्टा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप लगाया और कहा कि राजनीतिक संकट के दौरान वायरल हुए ऑडियो में उन्होंने अभी तक आवाज का नमूना नहीं दिया है.

गहलोत से पूछा गया कि उनके पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा कि फोन टैपिंग की जांच के दौरान 10 से 12 घंटे तक पूछताछ के बावजूद उन्हें कोई मदद नहीं मिली. इस पर गहलोत ने जवाब दिया कि यह चुनाव से पहले अपनाया जा रहा चुनावी प्रचार है और इसलिए वह इसकी परवाह नहीं करते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि पीएम ने भी कहा है कि पेपर लीक में उनकी भूमिका है तो उन्होंने कहा कि पीएम बिना सच्चाई जाने कुछ भी कह देते हैं. उन्होंने कहा, “यूपी, गुजरात और बिहार और पंजाब में पेपर लीक हो रहे हैं. पेपर लीक में यूपी और गुजरात में सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं.”

अगर पीएम इस तरह का बयान दे रहे हैं तो आप महसूस कर सकते हैं कि वह कितने घबराए हुए हैं. यह तो दूसरा चरण है, चुनाव में सात चरण हैं. इसलिए सात चुनावों में वे (भाजपा) पीएम से कुछ भी कहलवा देंगे.

एकेजे/