
उदयपुर (Udaipur). पांच साल की मासूम, जिसे अब तक यह भी पता नहीं कि पुलिस (Police) क्या होती है, जेल क्या होती है, वह तो बस जानती है मां का आंचल. उसकी मां को पुलिस (Police) ने गिरफ्तारकर न्यायालय में पेश किया तब भी यह मासूम वास्तविकता से कोसों दूर थी. न्यायालय ने मां को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए तो उसकी आंखें छलछला उठी. वह भारी मन से मासूम को गोद में उठा कर पुलिस (Police) के साथ जेल के लिए निकल पड़ी. उसके पति को भी पुलिस (Police) ने एक दिन पूर्व गिरफ्तारकर जेल भिजवाया था.
हिरणमगरी थाना क्षेत्र में मकान खाली करने के विवाद को लेकर गत दिनों एक प्रकरण दर्ज हुआ था. इसमें तुलसीबाई पत्नी राजेंद्र शर्मा सुथार निवासी आशाराम कॉलोनी हिरणमगरी ने बताया कि जून 2022 से उसके मकान में आरोपी शूरवीरसिंह पुत्र विजयसिंह राजपूत निवासी भट्टियानी चोहट्टा अपनी पत्नी के साथ किराए पर रहने आया. इस दौरान परिवार के सदस्यों की गतिविधियां संदिग्ध दिखी तो उन्होंने शूरवीरसिंह से मकान खाली करने को कहा. उसने मकान खाली करने के लिए कुछ मोहलत मांगी, लेकिन एक दिन वह शराब के नशे में आया और घर में उत्पात मचाया. इस दौरान उसने परिवादिया के छोटे पुत्र तनुज शर्मा पर पिस्टल तान दी और मकान को बम से उड़ाने की धमकी दी.
पुलिस (Police) ने रिपोर्ट के आधार पर मामला भादंसं की धारा 384, 386, 504, 506, 34 के तहत दर्ज कर आरोपी शूरवीरसिंह को गिरफ्तारकिया और जेल भिजवाया. मामले में उसकी पत्नी दिव्याकुंवर को गुरुवार (Thursday) को गिरफ्तारकर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे भी जेल भेज दिया गया. आदेश आने के समय दिव्या के साथ उसकी पांच साल की मासूम लड़की भी थी. इस लड़की को तो मां के आंचल से दूर नहीं किया जा सकता था. ऐसे में इसे गिरफ्तारकर लाने वाली पुलिस (Police) ने अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा. इसके बाद मां को बच्ची के साथ ही जेल के लिए रवाना कर दिया गया.