राजसमंद. जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने दस्तक दे दी है. रेलमगरा के गिलूण्ड गांव में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्ठि होने के बाद से अब तक करीब 78 शूकरों (सूअर) की मौत हो चुकी है. इसमें भी 57 शूकरों को पशुपालन विभाग की रेपिड रेस्पांस टीम ने यूथेनेसिया प्रक्रिया (मानवीय तरीके से पशुओं को मारना) से मारा गया है. इसके साथ ही इनके मूवेंट पर भी रोक लगा दी है.
पशुपालन विभाग के जानकारों के अनुसार जिले के रेलमगरा पंचायत समिति की गिलूण्ड ग्राम पंचायत में 8 फरवरी को ग्रामीणों ने शूकरों के मरने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों के अंदर 21 शूकरों की मौत हो चुकी है. इसकी जानकारी मिलते ही 9 फरवरी को उदयपुर के क्षेत्रीय पशुरोग निदान केन्द्र को इसकी जानकारी दी गई. इनकी सूचना पर 10 फरवरी को टीम गिलूण्ड पहुंची. टीम ने मृत शूकरों का पोस्टमार्टम किया और मरे और बीमार शूकरों के सेम्पल भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजे गए. इस दौरान पोस्टमार्टम और खून के 10 सेम्पल भेजे गए. जांच में 17 फरवरी को 8 सेम्पल पॉजीटिव आए.
इसकी जानकारी जिला कलक्टर को दी गई. पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. जगदीश जीनगर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. टीम ने गिलूण्ड गांव में जहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर के केस मिले हैं उसके एक किलोमीट के दायरे में आने वाले शूकरों को यूथेनेसिया प्रक्रिया से मारा गया. इसके तहत 38 शूकरों को गुरुवार को एवं 18 शूकरों को शुक्रवार को संक्रमण रोकने के लिए मारा गया. इसके साथ ही पशुपालकों को अपने शूकरों को लेकर आने के लिए पाबंद किया. शूकरों की मौत पर उसे गड्ढ़ा खोदकर नमक डालकर गाडऩे के निर्देश दिए. इसके साथ ही पशुपालन विभाग के चिकित्सक, पटवारी आदि की देखरेख में ही गाढऩे के निर्देश दिए हैं. उल्लेखनीय है कि यह बीमारी सिर्फ शूकर से शूकर में ही फैलती है. प्रदेश के जयपुर Jaipur , भरतपुर और अलवर Alwar सहित अन्य जिलों में अब तक इससे 4 हजार के करीब शूकरों की मौत हो चुकी है.