जयपुर Jaipur . इंटरनेट बंद करने के मामले में दुनियाभर में भारत पहले पायदान पर है. भारत लगातार पांचवें साल इंटरनेट-शटडाउन सूची में शीर्ष पर रहा. Access Now और KeepItOn coalition ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. भारत में लगातार इंटरनेट शटडाउन साल 2016 के बाद से किया जा रहा है. ग्लोबली इंटरनेट शटडाउन में 2016 के बाद से ही भारत की हिस्सेदारी 58 फीसदी है.
इंटरनेट एडवोकेसी के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी एक्सेस नाउ और कीप इटऑन की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने विरोध-प्रदर्शनों, परीक्षा और चुनाव समेत कई और वजहों से इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया था.
पिछले साल 84 बार इंटरनेट देश में बंद किया गया. साल 2022 में केवल जम्मू-कश्मीर में 49 बार इंटरनेट बंद किया गया. जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर है, जहां एक साल में 12 बार इंटरनेट बंद किया गया. तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है जहां सात बार इंटरनेट शटडाउन हुआ. इसके तीन कारण सामने आए. इंटरनेट बंद के प्रमुख कारण प्रदर्शन, हिंसा, परीक्षा और चुनाव हैं.
देश में इंटरनेट शटडाउन का अधिकार केंद्रीय और राज्य स्तर पर गृह मंत्रालय के पास है. दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत इंटरनेट शटडाउन के आदेश दिए जाते हैं. DoT की ओर से बनाए गए नियम कहते हैं कि इंटरनेट का अस्थायी निलंबन सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा के कारण हो सकता है.