एमसीडी इलेक्शन कैंसिल होने पर बीजेपी पर जमकर बरसे संजय सिंह, बताया दलित विरोधी

नई दिल्ली, 26 अप्रैल . दिल्ली में एमसीडी के चुनाव कैंसिल होने पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बीजेपी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह पार्टी और संघ के लोग दलित विरोधी हैं. ये लोग यह देखना नहीं चाहते कि कोई भी दलित किसी बड़ी कुर्सी पर बैठे.

उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा के एलजी ने एमसीडी इलेक्शन को कैंसिल कर दिया है. संजय सिंह ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने अधिकार दिया था कि 5 साल में एक बार मेयर की कुर्सी पर दलित का बेटा बैठेगा. वह अधिकार भी भाजपा ने खत्म कर दिया. दिल्ली में भी चुनाव खत्म कर दिया और कहा कि दलित का बेटा इस मेयर की कुर्सी पर नहीं बैठ सकता. बीजेपी ने अपना एक मोहर तैयार किया. भाजपा के एलजी ने कहा कि बगैर मुख्यमंत्री की सलाह के हम पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर सकते.

उन्होंने बताया कि 1 साल पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि सबसे वरिष्ठ पार्षद को मेयर के चुनाव में पीठासीन अधिकारी बनाया जाए और मुकेश गोयल का नाम उन्होंने भेजा था.दिल्ली के एलजी ने वह पेपर फाड़ के फेंक दिया. एलजी ने भाजपा पार्षद सत्य शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाया था.

उन्होंने कहा कि मेरा आरोप बिल्कुल सिद्ध साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी दलित विरोधी है. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान की विरोधी भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोगों से झूठ बुलवाया है.

संजय सिंह ने एक पत्र दिखाते हुए कहा कि यह वह पत्र है जिसमें सत्य शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाया गया था बिना, मुख्यमंत्री की सलाह लिए. दलित विरोधी भाजपा ने चंडीगढ़ में भी यही काम किया. एक सफाई कर्मी का बेटा मेयर की कुर्सी पर बैठने जा रहा था, तो वोट में गड़बड़ी कर उसको मेयर बनने से रोका. इतनी घृणा और इतनी नफरत है उनके मन में कि ये मंदिरों में दलितों के प्रवेश को भी रोकते हैं. आज भी पूरे देश में दलित और पिछड़ों का आरक्षण मारा जा रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी ने पिछली बार भाजपा के 10 कार्यकर्ताओं को पार्षद नामित कर दिया. मामला सर्वोच्च न्यायालय में गया और सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि नामित लोगों को वोट करने का अधिकार नहीं है. आज भी यह मामला कोर्ट में लंबित है, जिसकी वजह से स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं हो पा रहा है.

संजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बाबा भीमराव अंबेडकर के लिखे संविधान को खत्म करना चाहती है. बीजेपी इस देश में दलित, शोषितों आदिवासियों, वंचितों के लिए संविधान में दिए गए आरक्षण को खत्म करना चाहती है.

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