रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से गुरुवार को एक और बाघिन को सरिस्का शिफ्ट किया गया है. वन विभाग की टीम ने बाघिन की शिफ्टिंग की कार्रवाई को बेहद गुपचुप तरीके से पूरा किया. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व प्रथम के DFO (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) मोहित गुप्ता ने बताया कि वन विभाग की ट्रेंकुलाइज टीम ने बाघिन टी-134 को खण्डार रेंज के थूमका लाहपुर वन क्षेत्र में ट्रेंकुलाइज किया. बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के बाद रणथम्भौर की वेटरनरी टीम ने वनाधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन का हेल्थ चैकअप किया. जिसके बाद सरिस्का की टीम यहां से बाघिन को सरिस्का लेकर रवाना हो गई.
बाघिन रणथम्भौर में अपनी टेरेटरी स्थापित नहीं कर पा रही थी. बाघिन टी-134 बाघिन टी-93 की बेटी है. उसकी उम्र करीब साढ़े तीन साल है. बाघिन टी-134 की मां टी-93 फिलहाल नए शावकों के साथ घूम रही है. इस इलाके में अन्य बाघों का मूवमेंट बना रहता है जिसकी वजह से बाघिन को शिफ्ट किया गया.

शिफ्टिंग के दौरान सेडूराम यादव CCF (चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट) रणथम्भौर, आरएन मीणा फील्ड डायरेक्टर सरिस्का, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व प्रथम के DFO मोहित गुप्ता, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व द्वितीय के DFO रामानंद भाकर, सरिस्का के DFO डीपी जागावत, CWLW (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) के प्रतिनिधि रामगढ़ विषधारी के DFO संजीव शर्मा, NTCA (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) प्रतिनिधि अभिषेक भटनागर, डॉ. सीपी मीणा, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. डीडी मीणा सहित कई वनाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि रणथम्भौर में लगातार बाघ-बाघिनों की संख्या में इजाफा हो रहा है. जिसके चलते कई बार टेरेटरी को लेकर बाघ बाघिनों के बीच आपसी टकराव देखने को मिलता है. ऐसे में वन विभाग ने NTCA से अनुमति लेने के बाद अब तक 3 बाघ बाघिनों को शिफ्ट किया है. रणथम्भौर से पिछले दिनों एक बाघ को कोटा kota के मुकुंदरा व एक बाघ को सरिस्का शिफ्ट किया गया था. इसी कड़ी में एक बार फिर वन विभाग की ओर से बाघिन टी 134 को रणथम्भौर से सरिस्का शिफ्ट किया जा रहा है.