नई दिल्ली, 12 अगस्त . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 4 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. एनआईए ने यह कार्रवाई चंपारण नकली मुद्रा जब्ती मामले में की है. इस मामले में पाकिस्तान और नेपाल से जुड़े एक गिरोह का हाथ है.
एनआईए ने Tuesday को पटना स्थित अपनी विशेष अदालत में यूए(पी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों, मोहम्मद नजर सद्दाम, मोहम्मद वारिस, मोहम्मद ज़ाकिर हुसैन और मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दायर किया. स्थानीय पुलिस ने अक्टूबर 2024 में आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी को इस बात के सबूत मिले हैं कि आरोपी देश की वित्तीय स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के इरादे से नेपाल से भारत में नकली भारतीय मुद्रा नोटों (एफआईसीएन) की तस्करी में शामिल थे. वे क्रिप्टोकरेंसी भुगतान के बदले नेपाली संचालकों के माध्यम से पाकिस्तान स्थित संस्थाओं से एफआईसीएन प्राप्त कर रहे थे.
एनआईए की जांच से यह भी पता चला कि मोहम्मद नजर सद्दाम, मोहम्मद वारिस और मोहम्मद जाकिर हुसैन के साथ मिलकर नेपाल से भारत में एफआईसीएन की तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल था. मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज भारत में नोटों की खरीद और प्रचलन के लिए धन और रसद सहायता प्रदान कर रहा था.
यह मामला 1,95,000 मूल्य के एफआईसीएन की जब्ती से संबंधित है. दिसंबर 2024 में मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए ने इस साल जनवरी में आरोपियों को अदालत में पेश किया था. एनआईए सिंडिकेट के अन्य संबंधों की पहचान करने के प्रयास में जुटी हैं.
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एएसएच/डीएससी