Patna, 9 अगस्त . बिहार मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के 9 दिन हो गए हैं. चुनाव आयोग ने Saturday को दावा किया कि अब तक किसी भी Political दल ने इसे लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.
बिहार मतदाता सूची के प्रारूप को 1 अगस्त को जारी किया गया था. अब इसे 9 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी Political दल ने इस पर आपत्ति नहीं जताई है.
चुनाव आयोग बार-बार कह रहा है कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कोई भी योग्य मतदाता छूटने ना पाए और कोई भी अयोग्य मतदाता जुड़ने न पाए. 1 अगस्त को जारी की गई बिहार की प्रारूप मतदाता सूची में कोई भी त्रुटि दूर करने के लिए अपने दावे और आपत्ति दर्ज करें. हालांकि, अभी तक किसी भी Political दल ने एक भी दावा या आपत्ति नहीं दर्ज की है.
विपक्ष लगातार एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रहा है. बड़ी संख्या में लोगों को मतदाता सूची से बाहर करके उनके अधिकार छीनने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन मसौदा मतदाता सूची में नाम हटाने या सुधारों को लेकर किसी भी Political दल के बीएलए ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई. चुनाव आयोग ने बूथ-वार मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की थी, जो सभी Political दलों के साथ साझा भी की गई.
चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त Political दलों ने भी अपने बीएलए की संख्या 1,38,680 से बढ़ाकर 1,60,813 कर दी है.
उल्लेखनीय है कि बिहार लंबी कतारों से बचने के लिए प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने वाला पहला राज्य बन गया है. मतदान केंद्रों की संख्या 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई. इसी तरह, बीएलओ की संख्या भी 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई. बिहार के मतदाताओं की सहायता के लिए, स्वयंसेवकों की संख्या भी 1 लाख की जा रही है.
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एससीएच/केआर