नई दिल्ली, 8 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में यह दावा किया जाता है कि वह जो कहते हैं, वह करते हैं. उनके बारे में उनके साथ काम कर रहे लोगों की राय यह रही है कि वह जो भी वादा करते हैं, उसे निभाते हैं. उनकी सोच, उनके शब्द और उनका करिश्माई अंदाज अरबों से अधिक आबादी को प्रेरित करता है.
शायद यही वजह है कि किसी भी सर्वे में देखें तो पीएम मोदी को दुनिया के सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर स्थान मिलता है. उनका करिश्माई व्यक्तित्व लगातार 10 साल के शासनकाल के दौरान भी और निखरता और चमकता रहा है.
उनकी राजनीतिक कौशल के कई उदाहरण हैं जिसने राजनीतिक सीमाओं से परे उनके साथ काम करने वाले उनके मंत्रियों, नेताओं के साथ ही अन्य लोगों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया है.
यहां ऐसे कई उदाहरण हैं :-
पहला उदाहरण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एनडीए सरकार में अपना पहला बजट पेश करने का है. ढाई घंटे से ज्यादा केंद्रीय बजट को पेश करते समय, सीतारमण को बीच में अस्वस्थता महसूस हुई और उन्हें बजट भाषण को बैठकर पढ़ने की अनुमति अध्यक्ष से लेनी पड़ी. कुछ समय बाद, उनके स्वास्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की गहरी चिंता देखने को मिली. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन कर कहा कि आप अपना ख्याल रखें और फिर चेक-अप के लिए अपने निजी डॉक्टर को भेजा. सीतारमण ने यह भी बताया कि घटना के इतने साल बाद भी वह मेरा हालचाल पूछते रहते हैं.
एक अन्य उदाहरण पर नजर डालें तो, जब कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद उच्च सदन से सेवानिवृत्त हो रहे थे, तो पीएम मोदी की अश्रुपूर्ण विदाई ने विपक्षी सांसदों को आश्चर्यचकित कर दिया. बाद में गुलाम नबी आजाद ने भी पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि सात साल तक मोदी सरकार की नीतियों की बार-बार आलोचना के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के आंसू भरे भाषण ने उन्हें भावुक कर दिया.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे, सदन में विपक्ष के नेता को, भावनात्मक विदाई देकर सच्ची राजनीतिक कौशल का परिचय दिया. गुलाम नबी ने कहा, ”एक मेहनती कार्यकर्ता होने के अलावा, पीएम मोदी के दिल छू लेने वाले व्यवहार ने मुझे और विपक्षी सदस्यों को मंत्रमुग्ध कर दिया.”
मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान स्मृति ईरानी को व्यक्तिगत संकट का भी सामना करना पड़ा. घटना को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह बेटे के स्वास्थ्य के लिए अस्पताल और घर के बीच घूमती रहीं, तब उन्हें संसद में एक ज्वलंत मुद्दे पर बोलना भी था, प्रधानमंत्री मोदी की चिंता और सहायता ने उन्हें इससे निपटने में मदद की.
स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं चिंतित और परेशान थी, लेकिन, पीएम मोदी पूछते रहे, आपको किस तरह की मदद की ज़रूरत है? वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, एक ऐसे बॉस हैं, जिसके लिए कोई भी मरना चाहेगा.
एक अन्य उदाहरण पीएम मोदी की टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में अचानक पहुंचने का है. जब ‘मेन इन ब्लू’ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप 2023 का फाइनल हार गया था.
पीएम मोदी ने ड्रेसिंग रूम में क्रिकेटरों से मुलाकात की, सांत्वना दी और ‘मेन इन ब्लू’ का मनोबल बढ़ाया, जबकि वे फाइनल मैच में ट्रॉफी हारने से निराश थे. कुछ क्रिकेटरों ने बाद में खुलासा किया कि ड्रेसिंग रूम में सन्नाटा और उदासी कम हो गई और क्रिकेटरों ने तभी बात की जब पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी.
–
जीकेटी/