भारत सरकार के किसी भी मंत्रालय, किसी भी विभाग में छोटे से लेकर बड़े पद तक हर कर्मचारी को जो भी सैलरी मिलती है, उसका निर्धारण पे कमीशन द्वारा किया जाता है. सरकार एक कमेटी बनाती है जो बढ़ती महंगाई दर समेत अन्य कारकों के आधार पर ये तय करती है कि किस रैंक के अधिकारी या कर्मचारी को कितनी सैलरी मिलनी चाहिए. फिलहाल देश में 7वां वेतन आयोग प्रभावी है.
कितनी होती है IAS Salary?
अफसर के पद, लेवल वरिष्ठता के अनुसार उनकी सैलरी होती है. 7th पे कमीशन के अनुसार फिलहाल एक आईपीएस या आईएएस की शुरुआती सैलरी 56,100 रुपये प्रतिमाह है. ये महज बेसिक सैलरी है. इसके अलावा उन्हें हर महीने टीए, डीए, एचआरए, मोबाइल समेत कई भत्ते मिलते हैं. कुल मिलाकर IPS या IAS अधिकारी की शुरुआती इन हैंड सैलरी 1 लाख रुपये प्रति माह से ज्यादा होती है. टीए, डीए, एचआरए उनकी पोस्टिंग पर निर्भर करता है.
समय, प्रमोशन और रैंक बढ़ने के साथ उनकी सैलरी भी बढ़ती जाती है. एक आईएएस अधिकारी की टॉप रैंक कैबिनेट सेक्रेटरी की होती है. इस पद पर पहुंचने के बाद उन्हें हर महीने 2.5 लाख रुपये वेतन (बेसिक) मिलता है. सामान्य रूप से आईएएस या आईपीएस अधिकारी की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से लेकर 2,25,000 रुपये तक होती है. भत्ते अलग से शामिल होते हैं.
IPS, IAS को सुविधाएं क्या मिलती हैं?
आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को उनकी सैलरी के अलावा उनके पे-बैंड के हिसाब से अन्य लग्जरी सुविधाएं भी मिलती हैं. घर, सिक्योरिटी, कुक, हाउस हेल्प, गाड़ी, लिमिटेड पेट्रोल और ड्राइवर की सुविधा भी मिलती है. अगर पोस्टिंग छोटे जिलों में है, तो आमतौर पर सबसे बड़ा बंगला वहां के आईएएस अधिकारी का ही होता है. घर, गाड़ी, सुरक्षा, हाउस हेल्प. वहीं अगर पेंशन की बात करें तो अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही आईपीएस, आईएएस को पेंशन पहले मिलती थी. अब अगर आप न्यू पेंशन स्कीम में जो इनवेस्ट करते हैं, उसी के हिसाब से रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है.