छत्तीसगढ़ सरकार की जवाबदेही तय कराने का समय आ गया है : सचिन पायलट

रायपुर, 24 जुलाई . छत्तीसगढ़ कांग्रेस के चुनाव प्रभारी सचिन पायलट ने विष्णु देव साय सरकार पर बुधवार को हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार की जवाबदेही तय करने का समय आ गया है.

छत्तीसगढ़ चुनाव प्रभारी एवं दिग्गज कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर राज्य में अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, 5 साल की सरकार में हम लोगों ने जो कानून और नियम बनाए थे, भाजपा सरकार ने उसको खत्म कर जनता के साथ अन्याय करने का काम किया है.

उन्होंने आगे कहा, राज्य में पिछले 6-7 महीनों में जो हत्याएं, बलात्कार हो रहे हैं और जो गोलियां चल रही हैं, उसका जवाब देने के लिए सरकार को मजबूर करने का समय आ गया है. यह आंदोलन सरकार की नींद खोलने के लिए किया जा रहा है.

उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक पत्रकार द्वारा मुझसे सवाल पूछा गया कि नई सरकार बनने के 2-3 साल बाद विधानसभा का घेराव होता है, लेकिन ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के सिर्फ 7 महीने बाद ही विधानसभा का घेराव करना पड़ रहा है.

इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा, कांग्रेस पार्टी जनता के लिए जीती है और जनता के लिए मरती है. जब छत्तीसगढ़ की जनता के पास आपदा, अपराध और महंगाई जैसी समस्या हो और सरकार नींद में बैठी हो तो मजबूरन हमें सिर्फ 7 महीने में सरकार की नींद खोलने के लिए सबको बुलाना पड़ा.

सचिन पायलट ने आगे कहा, लोकतंत्र की ताकत जनता और संख्या बल से होती है और आज आप सबकी मौजूदगी इस बात का प्रतीक है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जीवित है, ताकतवर है और जवाबदेही तय करने के लिए खड़ी है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सभी नौजवान साथियों से बोलना चाहता हूं कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते, हमें याद रखना होगा कि हम 130 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं.

इसके अलावा पायलट ने 23 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में छत्तीसगढ़ को उपेक्षित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, यह बजट सिर्फ दो राज्यों का है. यह सिर्फ सरकार को बचाने का बजट है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता में है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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