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वसई, 15 नवंबर . Maharashtra के वसई में एक 12 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध मौत ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को सकते में डाल दिया है. परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर बच्चे को परेशान करने का आरोप लगाया है, जिससे बच्चे की मौत हो गई है.
यह घटना वसई पूर्व के सातिवली स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर की है, जहां कक्षा 6 में पढ़ने वाली छात्रा काजल (अंशिका) गौड़ की हालत स्कूल से लौटने के बाद अचानक खराब हो गई थी.
घटना 8 नवंबर की बताई जा रही है. उस दिन काजल स्कूल कुछ देर से पहुंची थी, जिसके चलते शिक्षिका ने उसे और कुछ अन्य छात्रों को स्कूल बैग कंधे पर रखकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी.
परिजनों के अनुसार, घर लौटते ही काजल ने थकान और अस्वस्थता की शिकायत की थी. थोड़ी ही देर में उसकी स्थिति गंभीर होने लगी, जिसके बाद परिवार उसे वसई के आस्था अस्पताल ले गया. हालत नाजुक होने पर उसे Mumbai के जेजे अस्पताल रेफर किया गया, जहां Saturday रात उसका निधन हो गया.
छात्रा की मौत के बाद परिवार ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सजा की वजह से ही उनकी बच्ची की जान गई. वे इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
घटना सामने आने के बाद पहले सर जेजे मार्ग Police स्टेशन में अकस्मात मौत का मामला दर्ज किया गया था, जिसे बाद में वसई के वालिव Police स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया गया.
वसई समूह शिक्षण अधिकारी पांडुरंग गलांगे ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी.
वहीं, वालिव Police स्टेशन के वरिष्ठ Police निरीक्षक दिलीप घुगे ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार उठक-बैठक की सजा और घटना के बीच संबंध प्रतीत होता है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. Police का कहना है कि जांच पूरी होने पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी.
छात्रा की मौत के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और अभिभावक समुदाय स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली सजा के तौर-तरीकों पर सवाल उठा रहा है.
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एसएके/डीएससी