नई दिल्ली,13 सितंबर . देशभर में दिवाली के त्यौहार के दिन जिमीकंद या सूरन की सब्जी खाने की परंपरा है. बिहार और पूर्वांचल के कई इलाकों में इसे “ओल” भी कहा जाता है. दिवाली के दिन इसे खाने की परंपरा के अलावा इसके कई शारीरिक फायदे भी हैं. इसे कई बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है.
जिमीकंद या सूरन के कई औषधीय फायदे भी हैं. यह एक ऐसी सब्जी है जिसे एक बार बोने के बाद यह सालों तक उगती रहती है. यह सब्जी जमीन के नीचे जड़ों में उगती है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक तरह से पौधे की जड़ ही है. आईए जानते हैं सेहत के लिए जिमीकंद कितना लाभकारी है.
जानकारी के अनुसार, जिमीकंद में मौजूद भरपूर फाइबर की मात्रा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होती है. जिमीकंद खाने से कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी और बवासीर जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है.
अपने बढ़ते वजन से परेशान व्यक्ति के लिए जिमीकंद खाना रामबाण इलाज हो सकता है. जिमीकंद खाने से आपके शरीर का मोटापा कम होता है. इसे खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कम लगती है. जिसके कारण यह वजन कम करने में मददगार साबित होता है.
जिमीकंद में प्रचुर मात्रा में मौजूद आयरन एनीमिया से बचाता है. अगर आप जिमीकंद की सब्जी खाते हैं तो इससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है. इसे खाने से शरीर में खून की कमी दूर होती है. इसलिए खून की कमी से होने वाले एनीमिया से बचाव में यह मददगार साबित होता है.
साथ ही जिमीकंद में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाते हैं. गठिया के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बवासीर से पीड़ित रोगी को जिमीकंद की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है. जिमीकंद में मौजूद गुण पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और कब्ज की समस्या से राहत दिलाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई बवासीर से पीड़ित है, तो वह कई तरीकों से जिमीकंद का सेवन करके बवासीर से राहत पा सकता है. खूनी बवासीर से पीड़ित मरीजों को जिमीकंद को छाछ के साथ उबालकर खाने से आराम मिलता है. इसके अलावा जिमीकंद का चूर्ण बनाकर खाने से भी बवासीर से कुछ हद तक राहत मिल सकती है.
वहीं जिमीकंद में मौजूद कार्ब्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी1, विटामिन बी6, फोलिक एसिड, बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व बवासीर के अलावा कई अन्य समस्याओं के लिए भी काफी फायदेमंद माने जाते हैं.
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आरके/जीकेटी