नई दिल्ली, 20 मार्च . सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की अंतरिम जमानत याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली.
बोइनपल्ली की पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता को पांच सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी. पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे.
पीठ ने बोइनपल्ली को अपना पासपोर्ट जमा करने और उन्हें हैदराबाद के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से कहीं बाहर नहीं जाने का आदेश दिया. पीठ ने बोइनपल्ली को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को अपना मोबाइल नंबर देने को भी कहा है ताकि वे उसके संपर्क में रह सकें.
पीठ मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल से शुरू होने वाले हफ्ते में करेगी.
बोइनपल्ली अक्टूबर 2022 से हिरासत में हैं. उन्होंने जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के जुलाई 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने आरोपों की गंभीरता और रिकॉर्ड पर उपलब्ध विश्वसनीय सामग्री को ध्यान में रखते हुए बोइनपल्ली को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
–
एफजेड/एबीएम