संसद परिसर में एक-दूसरे से हंसी मजाक करती दिखीं सोनिया गांधी-जया बच्चन

नई दिल्ली, 24 जुलाई . संसद परिसर में बुधवार को एक वीडियो में एक महत्वपूर्ण क्षण कैद हुआ : सोनिया गांधी और जया बच्चन बातचीत के दौरान हंसी-मजाक करती दिखीं और रिश्तों में मधुरता के संकेत दिये.

जया बच्चन पहले से ही समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद हैं. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पहली बार उच्च सदन की सदस्य बनी हैं.

विपक्षी दलों के नेता जब राज्यसभा की कार्यवाही से निकलकर बाहर एकत्र हुए, तो सोनिया गांधी का काफिला वहां पहुंचा और वह अपनी गाड़ी से उतरीं. छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. कुछ ही क्षणों बाद, सोनिया गांधी ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाली वयोवृद्ध राज्यसभा सदस्य और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन के साथ बातचीत और हंसी-मजाक किया.

कैमरे पर कैद उनकी बातचीत में रिश्तों में मिठास की झलक दिखी. हालांकि दोनों क्या बात कर रही थीं, इसके बारे में जानकारी नहीं है.

किसी समय गांधी परिवार और बच्चन परिवार के बीच काफी दोस्ती थी, जो धीरे-धीरे कम होती गई. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन काफी करीबी थे. राजीव गांधी के अनुरोध पर अमिताभ बच्चन ने 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता. हालांकि, बोफोर्स घोटाले में आरोपों के बीच अभिनेता से राजनेता बने बच्चन ने इस्तीफा दे दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे राजीव गांधी निराश हो गए थे और बाद में उन्होंने बच्चन से संवाद करना बंद कर दिया, जिससे दोनों परिवारों के रिश्तों में तनाव आ गया.

उच्च सदन में सोनिया गांधी आगे की पंक्ति में बैठती हैं, जबकि जया बच्चन उनसे कुछ पीछे बैठती हैं. पहले, सोनिया गांधी लोकसभा में थीं और जया बच्चन राज्यसभा में. उनकी बातचीत के मौके कम बनते थे. अब, वे नियमित रूप से एक-दूसरे से मिलती-जुलती हैं. पिछली लोकसभा में सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन इस साल की शुरुआत में उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा में जाने का फैसला किया. इस बीच, उनके बेटे राहुल गांधी मौजूदा लोकसभा में रायबरेली के पारिवारिक गढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने ‘इंडिया’ ब्लॉक के तहत गठबंधन किया, जिसने भाजपा को उत्तर प्रदेश में जबरदस्त झटका दिया. दोनों दलों की नजदीकियों के कारण उनके सांसदों में करीबी भी लाजमी है.

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