बेंगलुरु, 5 दिसंबर . डिजिटल भुगतान, ब्लॉकचेन इनोवेशन और ओपन बैंकिंग सिस्टम के विकास से भारतीय फिनटेक उद्योग में रोजगार के अवसरों में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.
टीमलीज स्टाफिंग की ताजा जानकारी के अनुसार, बैंकिंग उद्योग में रोजगार में 7.3 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि देखी गई है, जो विनियामक पहलों से प्रेरित है. वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी रोजगार में 5.1 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि के साथ स्थिर वृद्धि दिखा रही हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, बदलते विनियामक परिदृश्य और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई पहलों से 2024 में निरंतर रोजगार वृद्धि की उम्मीद है.
टीमलीज के वीपी और बिजनेस हेड, कृष्णेंदु चटर्जी ने कहा, “भारत के कार्यबल की जो बात सबसे अलग है, वह टेक्नोलॉजी पर बढ़ती निर्भरता है और बढ़ती दक्षता है.”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इंडस्ट्री अब केवल कर्मचारियों की संख्या के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ही भर्ती नहीं कर रही हैं, बल्कि रणनीतिक रूप से कार्यबल कौशल को विकसित होते व्यावसायिक मॉडल के साथ जोड़ रही हैं.
“उदाहरण के लिए, क्लाउड अपनाने, एआई और आईओटी के एकीकरण में बढ़त ने न केवल व्यवसायों के संचालन के तरीके को बदला है, बल्कि आवश्यक भूमिकाओं और कौशल को भी फिर से परिभाषित किया है. ये रुझान बताते हैं कि कार्यबल वृद्धि अधिक गुणात्मक होती जा रही है, जहां उत्पादकता, इनोवेशन और बदलती परिस्थितियों के साथ तालमेल बैठना विस्तार के समान ही महत्वपूर्ण हैं.”
बैंक की ओर से पारंपरिक बैंकिंग प्रैक्टिस को बनाए रखते हुए अधिक डिजिटल-केंद्रित सेवाओं की ओर ट्राजिशन को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुपालन, डिजिटल उत्पाद प्रबंधन और एआई के जरिए धोखाधड़ी का पता लगाने जैसे क्षेत्रों में भर्ती को प्राथमिकता दी जा रही है.
लगभग 63 प्रतिशत एनबीएफसी कारोबार में आगे विस्तार की उम्मीद जता रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, “एनबीएफसी द्वारा अपनी डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने के साथ-साथ बैंकिंग सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में विस्तार करने के कारण क्रेडिट रिस्क एनालिस्ट, डिजिटल लोन मैनेजर्स और अनुपालन विशेषज्ञ जैसे पदों की मांग बढ़ रही है.”
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एबीएस/एबीएम