राजकुमार आनंद का केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला, दलितों की अनदेखी का लगाया आरोप (लीड-1)

दिल्ली, 10 अप्रैल . दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को बुधवार को बड़ा झटका लगा. दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी ने लोगों से वादा किया था, उस वादे को पूरा नहीं किया गया. आम आदमी पार्टी असल मुद्दों से भटक चुकी है.

राजकुमार आनंद ने आगे कहा कि मैं आज से आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं इन भ्रष्टाचारियों के साथ अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर से मैंने जीवन मंत्र लिया है. उसी वजह से मैं व्यापारी होते हुए भी एनजीओ में आया, एमएलए बना, जनप्रतिनिधि बना, मंत्री बनकर लोगों की सेवा में आया. मैं आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा हुआ, जो बाबा साहब के आदर्शों पर चलने की बात करते थे.

उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब का फोटो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस, हर सरकारी दफ्तर पर लगती है, लेकिन, जब बाबा साहेब के विचारों पर काम नहीं किया जा रहा. रिजर्वेशन संवैधानिक मजबूरी है, हमारे यहां पर 13 राज्यसभा सांसद हैं. आम आदमी पार्टी का उनमें से एक भी दलित या पिछड़ा या महिला कोई भी राज्यसभा सांसद नहीं है. जब रिजर्वेशन की बात आती है तो यह पार्टी चुप्पी साध लेती है.

राजकुमार आनंद ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों विधानसभा में बहुत सारे लोगों की भर्ती की गई, जिनकी दो-दो लाख रुपये सैलरी थी और उसमें दलितों को कोई भी जगह नहीं दी गई. इस बात से मुझे बहुत नाराजगी हुई और मैं यहां पर खुलकर काम नहीं कर सकता. मैं एससी/एसटी का मंत्री होने के नाते पार्टी में कुछ काम नहीं कर पा रहा और मैं अब भ्रष्टाचारियों के साथ काम करना नहीं चाहता, इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

उन्होंने कहा कि इस पार्टी में दलित विधायक पार्षद और मंत्री का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है. अभी जो नेता हैं, उनमें कोई भी दलित नहीं है. संगठन में कोई भी दलित नेता नहीं है. किसी राज्य का प्रभारी भी दलित नहीं बनाया गया है, ऐसे हालात में दलित वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है. उनमें से मैं एक मंत्री हूं, जो मैं किसी ऊंची जाति का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन हम सब का अधिकार है.

एकेएस/एबीएम