राष्ट्रपति 30 मार्च को पूर्व प्रधानमंत्रियों चरण सिंह, नरसिम्हा राव और तीन अन्य को भारतरत्‍न से सम्मानित करेंगी

नई दिल्ली, 15 मार्च . राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 मार्च को पांच प्रतिष्ठित हस्तियों को भारतरत्‍न से सम्मानित करेंगी, जिनमें दो पूर्व प्रधानमंत्री और अनुभवी भाजपा नेता लालकृष्‍ण आडवाणी शामिल हैं. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

भारतरत्‍न से सम्मानित होने वाली पांच हस्तियों में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर बाकी चार शामिल हैं — पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पी.वी. नरसिम्हा राव, प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, जिन्‍हें मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा.

एक सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें 30 मार्च को भारतरत्‍न से सम्मानित किया जाएगा.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया था : “यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, पी.वी. नरसिम्हा राव गारू को भारतरत्‍न से सम्मानित किया जाएगा. एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव गारू ने विभिन्न क्षमताओं में बड़े पैमाने पर भारत की सेवा की.”

“उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा के सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है. उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने और देश की समृद्धि और विकास की ठोस नींव रखने में सहायक था.”

पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के लिए सम्मान की घोषणा करते हुए एक्स पर लिखा था, ”यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारतरत्‍न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था.”

पीएम मोदी ने कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को भारतरत्‍न सम्‍मान देने की भी घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री ने लिखा था, “यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार हमारे देश में कृषि और किसानों के कल्याण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए एम.एस. स्वामीनाथन जी को भारतरत्‍न से सम्मानित कर रही है. उन्होंने भारत को आत्म-सम्मान हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कृषि पर निर्भरता और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए”.

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