गुजरात के आणंद में पीएम मोदी ने कांग्रेस को दी ये 3 चुनौतियां

आणंद (गुजरात), 2 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आणंद के शास्त्री मैदान में चुनावी रैली में मंच से कांग्रेस को तीन चुनौतियां दे डाली. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस को मेरी पहली चुनौती- कांग्रेस और उनके चट्टे बट्टे देश को लिखित में गारंटी दें कि वो संविधान बदलकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगे. देश को बांटने का काम नहीं करेंगे.

पीएम मोदी ने कहा, मेरी दूसरी चुनौती- कांग्रेस देश को लिखित में दे कि वो एससी, एसटी, ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण में सेंधमारी नहीं करेगी. उनका अधिकार नहीं छिनेगी, डंका नहीं डालेगी.

पीएम मोदी ने कांग्रेस को तीसरी चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस देश को लिखित में गारंटी दे कि जिन-जिन राज्यों में कांग्रेस की और उनके साथियों की सरकार है, वो कभी भी वोटबैंक की गंदी राजनीति नहीं करेंगे. वो बैकडोर से ओबीसी का कोटा काटकर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगे. ये मेरी तीन चुनौतियां है, शहजादे हिम्मत है तो आ जाओ. संविधान को माथे पर नाचने से बात नहीं बनती, संविधान के लिए जीना, संविधान के लिए मरना, ये सीखना है तो मोदी के पास आओ. मैं जानता हूं कांग्रेस मेरी यह चुनौती स्वीकार नहीं करेगी.

पीएम मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “संयोग देखिए, आज भारत में कांग्रेस कमजोर हो रही है. यानी सूक्ष्मदर्शी यंत्र लेकर भी कांग्रेस को ढूंढना मुश्किल हो रहा है. लेकिन मजा ये है कि यहां कांग्रेस मर रही है और वहां पाकिस्तान रो रहा है. आपको पता चला होगा कि अब कांग्रेस के लिए पाकिस्तानी नेता दुआ कर रहे हैं. शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला है और कांग्रेस तो पाकिस्तान की मुरीद है ही. पाकिस्तान और कांग्रेस की ये पार्टनरशिप अब पूरी तरह एक्सपोज हो गई है. देश के दुश्मनों को आज भारत में मजबूत सरकार नहीं चाहिए. उनको कमजोर सरकार चाहिए. देश के दुश्मनों को 2014 से पहले की सरकार चाहिए.”

पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा, ”कांग्रेस के शहजादे आजकल माथे पर संविधान रखकर नाच रहे हैं. लेकिन, कांग्रेस मुझे जवाब दे कि जिस संविधान को आज माथे पर रखकर नाच रहे हो, क्यों 75 साल तक हिंदुस्तान के सभी हिस्सों पर ये संविधान लागू नहीं होता था. मोदी के आने से पहले इस देश में 2 संविधान, 2 झंडे थे. शहजादे की पार्टी कांग्रेस ने, इनके परिजनों ने देश में संविधान लागू नहीं होने दिया था. कश्मीर में हिंदुस्तान का संविधान लागू नहीं होता था. धारा 370 दीवार बनकर बैठी थी. सरदार पटेल की भूमि से आए इस बेटे ने उस 370 को जमींदोज कर दिया और सरदार साहब को श्रद्धांजलि दी.”

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