लोकसभा चुनाव : यूपी में प्रचार में सत्ता पक्ष का जोर, विपक्ष गायब

लखनऊ, 28 मार्च . लोकसभा चुनाव में पहले चरण का नामांकन पूरा हो गया है. लेकिन विपक्षी दल का प्रचार जमीन पर नहीं दिख रहा है. खासकर यूपी के प्रमुख विपक्षी दल सपा, कांग्रेस और बसपा अभी तक प्रत्याशी चयन में उलझे दिखाई दे रहे हैं. जबकि सत्ता पक्ष भाजपा ने पहले चरण का नामांकन खत्म होने से पहले प्रबुद्ध सम्मेलन और चुनाव संचालन के जरिए तेजी से प्रचार में जुटी है.

राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव की सूची सबसे पहले जारी कर दी. इसके बाद नामांकन में सभी आठ सीटों पर पार्टी के बड़े दिग्गज न सिर्फ मैदान में डटे बल्कि जनसभा कर अपनी ताकत भी दिखाई. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद कई जगह मौजूद रहे. वहीं संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह संगठन को बूस्टर डोज देने के लिए पश्चिमी यूपी में कमान संभाले है. जहां वो नहीं पहुंच पा रहे वहां फीडबैक भी ले रहे हैं. पहले चरण से पूर्व बूथ से लेकर जिला तक के कार्यकर्ताओं को दो गुना रफ्तार देने के लिए वह खुद पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रबुद्ध सम्मेलन के माध्यम से प्रचार की शुरुआत कर दी है. वह पहले चरण के चुनाव तक लगातार प्रबुद्ध सम्मेलन और जनसभाएं कर रहे हैं. इसके इतर गठबंधन के साथी को भी साथ लेकर चल रहे हैं. वह नामांकन में भी नजर आ रहे हैं. वहीं जयंत चौधरी की भी पश्चिमी यूपी में कई जनसभाएं घोषित है. 31 मार्च को पीएम मोदी की रैली मेरठ में प्रस्तावित है.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अमोदकांत मिश्रा का कहना है कि चुनाव को लेकर जहां एक तरफ सत्तारूढ़ दल भाजपा पहले चरण के चुनाव के लिए तेजी से प्रचार कर रही है. पीएम से लेकर सीएम तक लगातार जनसभा कर रहे हैं. भाजपा बूथ से लेकर सभा तक मजबूती से डटी हुई है. वहीं विपक्षी दल चुनाव में खास कुछ करती दिख नहीं रही है. सपा ने भले ही ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हों. लेकिन आपसी तालमेल अभी बन पता दिख नहीं रहा है. रामपुर या मुरादाबाद के मामले को ले लें. यहां पर आपसी कलह के कारण कार्यकर्ता और समर्थक कन्फ्यूजन की स्थित में हैं. वहीं अभी तक गठबंधन का कोई साझा कार्यक्रम नजर नहीं आया है.

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि इंडिया गठबंधन रणनीति के साथ चुनाव में जा रहा है, भाजपा के सांसद स्वयं टिकट छोड़ रहे हैं. क्योंकि जिस तरीके से पिछले 10 साल में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार,खासतौर से इलेक्टोरल बांड का भ्रष्टाचार निकल कर आया है, उससे देश के युवा- किसान, आम आदमी, महिलाएं, मध्यम व्यापारी, बहुत ही नाराज हैं. भाजपा जानती है कि इंडिया गठबंधन के पास 70 प्रतिशत वोट है, अब देश के लोगों को यह बात समझ में आ गई है कि कांग्रेस की नीतियां ही देश को विकास के रास्ते पर ले जा सकती है.

भाजपा प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं कि भाजपा 24 घंटे चुनावी मोड में रहती है. हमारी बूथ से लेकर सारी व्यवस्था मजबूत है. जनता को विकास चाहिए. उसे मोदी जी की गारंटी पर पूरा भरोसा है. वहीं विपक्ष आपस के उलझा हुआ है. हमारी प्रचार व्यवस्था बड़े व्यापक स्तर पर चल रही है. एक चरण का हमारा प्रचार भी खत्म हो चुका है. सारे नेता प्रचार के लिए मैदान में हैं. मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक, सबकी जनसभाएं हो रही हैं. विपक्ष दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा है.

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