चमोली, 22 सितंबर . उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर भारी हंगामा हुआ, जिसके बाद प्रशासन ने अग्रिम आदेशों तक चुनाव स्थगित कर दिए. एनएसयूआई ने चुनाव में गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं.
दरअसल, छात्रसंघ चुनाव के लिए Monday को नामांकन फॉर्म की बिक्री शुरू होनी थी, लेकिन कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के दावेदार किशन के रिजल्ट ने हेरफेर के विवाद को जन्म दिया. एनएसयूआई ने कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय पर Political दबाव में काम करने का गंभीर आरोप लगाया.
किशन ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी रिजल्ट में वे पास थे और उन्होंने एमए प्रथम वर्ष में प्रवेश भी ले लिया था. लेकिन नामांकन से ठीक एक दिन पहले रातोंरात उनका रिजल्ट बदलकर उन्हें फेल घोषित कर दिया गया, जिसके कारण उन्हें चुनाव के लिए अयोग्य ठहराया गया. इस फैसले से आक्रोशित एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान Police और छात्रों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपर जिलाधिकारी और सीओ चमोली को मध्यस्थता करनी पड़ी, जिसके बाद हंगामे को देखते हुए चुनाव स्थगित कर दिए गए.
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विपिन फर्स्वाण ने कॉलेज प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई उम्मीदवारों को फॉर्म नहीं दिए गए, जबकि वे समय से लाइन में खड़े थे. इसके विपरीत, एबीवीपी के उम्मीदवारों को फॉर्म दिए गए, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है. उन्होंने आरोप लगाया कि शासन के दबाव में कॉलेज प्रशासन पारदर्शी चुनाव नहीं करवा रहा. एनएसयूआई उम्मीदवार तनिषा ने भी कहा कि यह कृत्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाता है और छात्रों के अधिकारों का हनन है.
प्राचार्य प्रो. एमपी नगवाल ने हंगामे पर खेद जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के रिजल्ट के आधार पर ही निर्णय लिया गया. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच होगी और पारदर्शिता बरती जाएगी.
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एससीएच/डीएससी