नई दिल्ली, 2 जून . ‘योग’ को अगर भारतीय संस्कृति का एक अनमोल तोहफा कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि योग करने से न केवल शारीरिक रूप से फायदा पहुंचता है बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी संतुलित बनाता है. आज हम बात करेंगे ‘ताड़ासन’ की जिसे ‘पाम ट्री पोज’ या ‘माउंटेन पोज’ भी कहा जाता है. यह ‘योग’ का एक मूलभूत आसन है, जो न केवल शरीर को स्थिरता और संतुलन प्रदान करता है, बल्कि मन को शांत और केंद्रित करने में भी मदद करता है.
‘ताड़ासन’ को योग की शुरुआत माना जाता है, क्योंकि यह अन्य कई आसनों का आधार है. इसकी सरलता इसे सभी उम्र और स्तर के लोगों के लिए उपयुक्त बनाती है.
दरअसल, ‘ताड़ासन’ एक खड़े होकर किया जाने वाला योग आसन है, जिसमें शरीर को सीधा रखते हुए दोनों पैरों को जोड़ा जाता है और हाथों को ऊपर की ओर उठाकर या सिर के ऊपर जोड़ा जाता है. इस आसन का नाम ‘ताड़’ (खजूर का पेड़) से आया है, क्योंकि इसकी मुद्रा लंबे, सीधे और मजबूत पेड़ जैसी होती है. यह आसन शरीर की मुद्रा (पोश्चर) को सुधारने, मांसपेशियों को मजबूत करने और शारीरिक संतुलन को बढ़ाने में मदद करता है.
‘ताड़ासन’ के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं. यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा करने और शरीर की मुद्रा को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह उन लोगों के लिए खास तौर पर लाभकारी है जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं. इसके अलावा, यह आसन पैरों, जांघों, कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है. साथ ही शरीर का संतुलन बढ़ाता है और पैरों को स्थिरता प्रदान करता है, जिससे गिरने का खतरा कम होता है.
इसके साथ ही यह पाचन में भी सुधार करने का काम करता है. इस आसन से पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है. इसके अलावा, गहरी सांस के साथ ताड़ासन करने से मन शांत होता है और तनाव, चिंता जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
‘ताड़ासन’ करने के फायदों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया था. उन्होंने कहा था, “ताड़ासन शरीर के लिए बहुत अच्छा है. इससे बॉडी को ज्यादा ताकत मिलती है.”
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एफएम/एएस