मन की बात : पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के शिक्षक का किया जिक्र, पेमा खांडू ने जताई खुशी

नई दिल्ली, 25 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 110वें एपिसोड महिला दिवस और नारी शक्ति को समर्पित रहा. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भाषा को संरक्षित कर रहे लोगों का भी जिक्र किया. इनमें से एक नाम अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले की शिक्षक बनवंग लोसू का भी था. इनके कार्यों के बारे में पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बताया.

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि भारत की सुन्दरता यहां की विविधता और हमारी संस्कृति के अलग-अलग रंगों में भी समाहित है. मुझे ये देखकर अच्छा लगता है कि कितने ही लोग निस्वार्थ भाव से भारतीय संस्कृति के संरक्षण और इसे सजाने-संवारने के प्रयासों में जुटे हैं. आपको ऐसे लोग भारत के हर हिस्से में मिल जाएंगे. इनमें से बड़ी संख्या उनकी भी है, जो भाषा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में तिरप के बनवंग लोसू का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक टीचर हैं. उन्होंने वांचो भाषा के प्रसार में अपना अहम योगदान दिया है. यह भाषा अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और असम के कुछ हिस्सों में बोली जाती है. उन्होंने एक भाषा विद्यालय बनवाने का काम किया है. उन्होंने वांचो भाषा की एक लिपि भी तैयार की है. वो आने वाली पीढ़ियों को भी वांचो भाषा सिखा रहे हैं.

पीएम मोदी ने इसके साथ ही कहा कि हमारे देश में बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं, जो गीतों और नृत्यों के माध्यम से अपनी संस्कृति और भाषा को संरक्षित करने में जुटे हैं. कर्नाटक के वेंकप्पा अम्बाजी सुगेतकर का जीवन इस मामले में बहुत प्रेरणादायी है. यहां के बागलकोट के रहने वाले सुगेतकर एक लोक गायक हैं. इन्होनें 1000 से अधिक गोंधली गाने गाए हैं, साथ ही, इस भाषा में, कहानियों का भी खूब प्रचार- प्रसार किया है. उन्होंने बिना फीस लिए, सैकड़ों विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया है.

पीएम मोदी के द्वारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम में शिक्षक बनवंग लोसू का जिक्र होने पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने खुशी जाहिर की और अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा कि बहुत खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में वांचो भाषा के संरक्षण के लिए अविश्वसनीय काम कर रहे तिरप जिले के शिक्षक बनवंग लोसू की पहल को साझा किया. लोसू ने वांचो को ऑनलाइन उपयोग के लिए अमेरिका स्थित यूनिकोड कंसोर्टियम में भी सूचीबद्ध किया है. इसका मतलब है कि इसे दुनिया भर में इंटरनेट पर इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रधानमंत्री की मान्यता दूसरों को भी इसी तरह के प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगी.

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