झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने पेश किया बजट, 2030 तक 10 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

रांची, 27 फरवरी . झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए राज्य के किसानों का दो लाख रुपए तक का कृषि ऋण माफ करने, पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में इजाफा करने सहित कई घोषणाएं की हैं. कुल 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ के इस बजट का आकार पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 3.7 प्रतिशत ज्यादा है.

वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने लगातार पांचवें साल बजट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2029-30 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 लाख करोड़ रुपए का बनाने का लक्ष्य है. उन्होंने अपने भाषण में गठबंधन सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं.

विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने बजट को हवा-हवाई और जनता के हितों के प्रतिकूल बताते हुए सदन का बहिष्कार किया. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि किसानों को ऋण से मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है. अब तक ऋण माफी योजना के तहत 1,858 करोड़ रुपये की ऋण माफी की गई है. इस योजना के तहत ऋण माफी की सीमा 50 हजार रुपये थी. अब वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋण माफी की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके साथ ही एनपीए खाता धारक किसानों को भी इस योजना में शामिल कर लाभ दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसानों को सूखा से राहत और उनकी आय में वृद्धि करना हमारी प्राथमिकता में है. 2023-24 में बिरसा बीज उत्पादन योजना के तहत लगभग 2 लाख 10 हजार किसानों को बीज वितरण कर उनको लाभ पहुंचाया गया. पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में पहली बार वृद्धि की गई है. इसके लिए 2024-25 में 2,066 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित है. राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही अबुआ आवास योजना के जरिए गरीबों के लिए 2027-28 तक 20 लाख आवासों का निर्माण कराए जाने की बात बजट में कही गई है.

इस योजना में लाभार्थियों को 5 किस्त में 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. 19 नए महाविद्यालय, 4 महिला महाविद्यालय, रांची में एक और मेडिकल कॉलेज की स्थापना और एक मेडिको सिटी की स्थापना जैसी घोषणाएं भी बजट में की गई हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 20 हजार करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित करेगी, जिससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. राज्य में राशन कार्डधारियों को सोयाबीन-बड़ी देने का एलान किया गया है.

उन्होंने कहा कि इसके पहले हेमंत सोरेन की सरकार ने गरीबों को हर माह एक किलो दाल देने का फैसला लिया था. अब चावल और दाल के साथ सब्जी (सोयाबीन-बड़ी) भी सरकार देगी. सोयाबीन-बड़ी उन राशन कार्डधारियों के बीच वितरित की जाएगी, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आते हैं.

गर्भवती महिलाओं को मच्छरदानी, पोशाक, तेल-साबुन और बाल्टी-मग का किट देने का ऐलान भी बजट में किया गया है. इस योजना के तहत 6 लाख लाभार्थियों को फायदा मिलेगा. इसके लिए बजट में 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

अगले वित्तीय वर्ष में 90 हजार परिवारों को ग्रामीण महिला उद्यमिता से जोड़ने का भी ऐलान किया गया है. वित्त मंत्री ने दावा किया कि राज्य में 2024-25 में आर्थिक विकास दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है. भविष्य में किसी विपरीत आर्थिक स्थिति का सामना न करना पड़े, इसके लिए सिंकिंग फंड में 1,600 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. इसका इस्तेमाल ऋण भुगतान के लिए किया जाएगा.

एसएनसी/एबीएम