भारत विश्व कल्याण के लिए बनना चाहता है महाशक्ति : राजनाथ सिंह (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 22 मई . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को से खास बातचीत करते हुए कहा कि 2014 के पहले पूरी तरह से जो भी सरकारें थी, वह दुनिया के दूसरे देशों पर रक्षा के मामले में निर्भर थी. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने फैसला किया कि हर क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. तभी से रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता का यह सिलसिला प्रारंभ हुआ.

उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों के अंदर मैं कह सकता हूं कि बड़ी तेजी से हम लोग आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़े हैं और यहां जब 2014 के आसपास केवल 600-800 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट होता था. आज हम 21,000 करोड़ से अधिक का एक्सपोर्ट कर चुके हैं. यह हमारी कोशिश है कि अगले पांच वर्ष के समाप्त होते-होते हमारा रक्षा निर्यात यानी डिफेंस एक्सपोर्ट लगभग 50,000 करोड़ को क्रॉस कर जाए.

भारत को दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्टर बनाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना है. तब तक इस संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता है कि हम भी एक बहुत बड़े डिफेंस आइटम्स के एक्सपोर्टर बन जाएंगे. लेकिन, हम तुरंत नंबर एक पर पहुंच जाएंगे, यह मैं नहीं कह रहा हूं. हमारी कोशिश यही है कि भारत सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्टर बने. डिफेंस सेक्टर में ही नहीं, बल्कि और भी जितने क्षेत्र हैं, उन क्षेत्रों में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है.

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हम भारत को विश्व की महाशक्ति बनाना चाहते हैं. लेकिन, दुनिया में किसी देश पर आक्रमण करने के लिए नहीं. दुनिया के किसी देश पर कब्जा करने के लिए नहीं. बल्कि विश्व की हम महाशक्ति, विश्व के कल्याण के लिए बनना चाहते हैं.

वहीं, राजनाथ सिंह ने आर्थिक आधार पर आरक्षण के सवाल पर कहा कि नई जो आरक्षण की व्यवस्था है, वह अपने आप में बिल्कुल सही है और बहुत सोच-समझकर आरक्षण की यह व्यवस्था की गई है. आपने देखा होगा कि पिछड़े वर्ग के लिए जो आरक्षण की व्यवस्था है, उसको हम लोगों ने संवैधानिक अधिकार दिया है. पहले की सरकारों से बराबर उस वर्ग के लोगों द्वारा मांग होती रही. लेकिन, उन लोगों ने इसको पूरा नहीं किया, जिसे हम लोगों ने पूरा किया और मैं समझता हूं कि आरक्षण की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी. हां, धर्म के आधार पर आरक्षण हमें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है. यह इसलिए स्वीकार नहीं है कि भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.

बीजेपी द्वारा आरएसएस की रणनीति को फॉलो करने के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजनीतिक पार्टी के लिए रणनीति नहीं बनाती है. मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं मूलतः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का स्वयंसेवक हूं और मैं आरएसएस की विचारधारा से केवल प्रभावित ही नहीं हूं, उसे आत्मसात किया है और मैं राजनीतिक रूप से एक राजनीतिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी में काम कर रहा हूं. यह कहने में मुझे जरा भी संकोच नहीं है.

उन्होंने कहा कि आरएसएस, भारतीय जनता पार्टी की जो कार्यक्रम और नीतियां होती हैं, उनको प्रभावित कभी नहीं करता. मैंने ऐसा कभी नहीं देखा है. हां, कभी किसी ने कोई सुझाव मांगा तो देशहित में उन्हें जो लगा कि किसी राजनीतिक पार्टी को देशहित में सुझाव दिया जाना चाहिए, वह सुझाव देते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भाजपा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया है.

भाजपा के 400 पार के नारे पर राजनाथ सिंह ने कहा कि एनडीए का 400 पार का संकल्प है, हम उसे पूरा करेंगे. 5 चरणों के चुनाव संपन्न हुए हैं. अभी तक जो रुझान मिल रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि जो लक्ष्य हम लोगों ने निर्धारित किया है, 400 पार का उस लक्ष्य को हासिल करेंगे.

रक्षा मंत्री ने इंडी गठबंधन के दावा कि इस बार एनडीए की सरकार नहीं बनने वाली है, इस पर कहा कि विपक्ष के लोग उल्टे-सीधे बयान देते रहते हैं. वह कह रहे हैं कि 2024 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे. क्या विपक्ष दूसरों के लिए वोट मांग रहा है. नरेंद्र मोदी 2024 में भी प्रधानमंत्री रहेंगे और 2029 में भी रहेंगे. यह फैसला करने वाले वह कौन होते हैं? यह फैसला तो एनडीए के लिए हम लोगों को करना है.

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