संदेशखाली का असर: पश्चिम बंगाल सरकार ने दो वरिष्ठ पुलिसकर्मियों का तबादला किया

कोलकाता, 17 फरवरी . पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 परगना जिले के संदेशखाली में जारी तनाव के मद्देनजर शनिवार को दो वरिष्ठ पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया, जिनके अधिकार क्षेत्र में यह अशांत क्षेत्र पड़ता है.

स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर यौन उत्पीड़न और पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है.

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुप्रतिम सरकार को, जो पहले अतिरिक्त महानिदेशक (यातायात) थे, सिद्धिनाथ गुप्ता की जगह अतिरिक्त महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) बनाया गया है.

इसी तरह, बारासात रेंज के वर्तमान उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सुमित कुमार को डीआईजी (सुरक्षा) के रूप में स्थानांतरित किया गया है. उनकी जगह भास्कर मुखोपाध्याय को जिम्मेदारी दी गई है, जो पहले मालदा रेंज के डीआईजी थे.

राज्य सरकार के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले स्थिति का जायजा लेने के लिए मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ की अपेक्षित यात्रा की पृष्ठभूमि में ये तबादले बेहद महत्वपूर्ण हैं.

सरकारी सूत्रों ने कहा कि चूंकि संदेशखाली पहले ही आयोग के संज्ञान में आ चुका है, इसलिए पूरी संभावना है कि वह उचित समय पर सरकार से इन वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को स्थानांतरित करने के लिए कहता. इसलिए ऐसा कोई आदेश मिलने से पहले शायद राज्य प्रशासन ने दोनों अधिकारियों को स्थानांतरित करने मे ही समझदारी समझी.

इस बीच, शनिवार को, विभिन्न स्रोतों से व्यापक आलोचना और दबाव के बीच, राज्य पुलिस ने अंततः तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं उत्तम सरदार और शिबू हाजरा के खिलाफ बलात्कार और हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

सरदार पहले से ही पुलिस हिरासत में है, जबकि हाजरा अपने राजनीतिक गुरु और 5 जनवरी को संदेशखली में ईडी तथा सीएपीएफ कर्मियों पर हमले के पीछे के मास्टरमाइंड शेख शाहजहां की तरह फरार है.

सूत्रों ने बताया कि संदेशखाली की एक पीड़िता के बंद कमरे में दिए गए बयान के आधार पर हाजरा और सरदार के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.

पिछले सप्ताह संदेशखाली में प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हाजरा के स्वामित्व वाले एक पोल्ट्री फार्म और एक फार्महाउस को जला दिया था. तब से वह फरार है.

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