नई दिल्ली, 26 फरवरी . नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) और फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एट इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (एफआईटीटी-आईआईटीडी) ने देश में बिल्कुल नये औद्योगिक स्मार्ट शहर बसाने के लिए उपयुक्त स्थान के मूल्यांकन के लिए सोमवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इन शहरों का विकास पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों पर किया जाएगा.
एमओयू के तहत, एफआईटीटी-आईआईटीडी स्थान की उपयुक्तता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का विश्लेषण करने के लिए अपनी तकनीकी कौशल और अनुसंधान क्षमताओं का लाभ उठाएगा, जिसमें व्यापार में आसानी, रहने की लागत, रसद लागत, मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी, जीवन में आसानी सूचकांक, रहने की लागत, विशेष उद्योगों की क्षमताएं, कच्चे माल की उपलब्धता आदि शामिल हैं.
बयान में कहा गया है कि इस सहयोग के परिणामस्वरूप तैयार की गई व्यापक रिपोर्ट भविष्य के शहरी नियोजन निर्णयों के लिए एक मार्गदर्शक ढांचे के रूप में काम करेगी, जिससे उद्योग और समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीनफील्ड शहरों के विकास की सुविधा मिलेगी.
एमओयू हस्ताक्षर समारोह में एफआईटीटी-आईआईटी दिल्ली के सीओओ कर्नल नवीन गोपाल, प्रोफेसर नोमेश बोलिया, प्रोफेसर संजीव देशमुख, दीपक गौतम, प्रतीक बडगुजर और एनआईसीडीसी के अधिकारी उपस्थित थे.
एनआईसीडीसी के सीईओ और एमडी रजत कुमार सैनी ने इस अवसर पर कहा: “उन्नत प्रौद्योगिकियों और अनुसंधान विशेषज्ञता का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल स्थानों की पहचान करना है, ताकि निवेश आकर्षित किया जा सके, स्थानीय वाणिज्य को बढ़ावा दिया जा सके और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें.”
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