सूखी खांसी से हो रहा गले में दर्द, इन पांच उपायों से पाएं राहत

New Delhi, 18 नवंबर . लगातार सूखी खांसी गले को खुरदुरा कर देती है, जिससे बोलने में परेशानी होने लगती है. कुछ मामलों में डॉक्टर से परामर्श लेना ठीक रहता है, लेकिन कई बार कुछ घरेलू नुस्खों से राहत मिल जाती है, जिनका जिक्र आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों में शामिल है. इन नुस्खों की खासियत यह है कि इसके साइड इफेक्ट नहीं होते.

शहद को आयुर्वेद में औषधि और विज्ञान में नेचुरल कफ सप्रेसेंट माना जाता है. शहद गले पर एक हल्की परत बनाता है, जो गले की जलन को शांत करने का काम करती है और बार-बार होने वाली खांसी की कोशिश को रोकती है. इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट शरीर की सुरक्षा बढ़ाते हैं, ताकि गले में होने वाली सूजन खुद ही कम होने लगे. शहद लेने का सबसे आसान तरीका यही है कि एक चम्मच शहद को हल्के गर्म पानी में घोल ले और फिर धीरे-धीरे घूंट भरकर पिएं. गर्माहट गले को आराम देती है और शहद की मिठास खांसी को शांत करती है.

आयुर्वेद में अदरक को पाचन और शरीर की गर्मी बढ़ाने वाला माना जाता है, वहीं विज्ञान के मुताबिक अदरक में जिंजरॉल नामक तत्व होता है, जो सूजन को कम करता है और गले की नसों को रिलैक्स करता है ताकि खांसी की तीव्रता घटे. अदरक का रस बेहद सरल तरीके से तैयार हो जाता है. इसे कदूकस करें, थोड़ा दबाएं और जो रस निकले उसमें थोड़ा शहद मिला लें. यह मिश्रण गले में जमा सूखेपन को दूर करता है और खांसी की जकड़न को खोलता है. यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सुरक्षित होता है.

आयुर्वेद में तुलसी को कफ को संतुलित करने वाला माना गया है. इसके पत्तों में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में जम चुके जीवाणुओं को खत्म करते हैं और गले की जलन को शांत करते हैं. जब तुलसी को पानी में उबाला जाता है, तो इसके औषधीय गुण पानी में घुल जाते हैं और यह एक प्राकृतिक काढ़ा बन जाता है. इस काढ़े की गर्माहट और तुलसी की सुगंध, दोनों मिलकर खांसी को कम करने में काम आती हैं. इसमें थोड़ा नमक मिलाने से गले की सफाई और भी अच्छी तरह होती है.

नमक का पानी गले की सूजन को कम करता है और गले में जमे हानिकारक बैक्टीरिया को कमजोर कर देता है. गरारे करने से गले की झिल्ली सिकुड़ती और फैलती है, जिससे खांसी की खुजली में कमी आती है. यह तरीका दिन में एक-दो बार अपनाया जाए तो खांसी काफी कम महसूस होने लगती है.

भाप गले और नाक के अंदर जमी सूखी परतों को नमी देती है, जिससे खांसी की वजह बनने वाली जलन कम हो जाती है. आप चाहें तो इसमें पुदीना या नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें डाल सकते हैं. इनकी खुशबू और वाष्प गले की नली को खोलती है और सांस लेना आसान बनाती है.

पीके/वीसी