उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक पीएम मोदी ने बदल दी भारत के पर्यटन की तस्वीर

नई दिल्ली, 9 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के दौरे पर थे. अपने दो दिवसीय यात्रा के कार्यक्रम के तहत 8 मार्च की रात पीएम मोदी काजीरंगा पहुंचे. वह काजीरंगा में रात बिताने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं.

वहीं अगले दिन यानी 9 मार्च को पीएम मोदी ने वहां काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाथी और जीप सफारी का आनंद उठाया. इसके बाद अपने एक्स अकाउंट पर वहां की वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “काजीरंगा की एक यादगार यात्रा. मैं दुनिया भर से लोगों को यहां आने के लिए आमंत्रित करता हूं.”

इसके साथ ही पीएम मोदी ने चाय बगान भी देखा और एक्स पर लिखा कि ”असम अपने शानदार चाय बागानों के लिए जाना जाता है और असम की चाय ने पूरी दुनिया में अपनी जगह बना ली है. मैं चाय बागान समुदाय की सराहना करता हूं, जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और दुनिया भर में इसकी वजह से असम की प्रतिष्ठा बढ़ा रही है. मैं पर्यटकों से राज्य के दौरे के दौरान इन चाय बागानों का दौरा करने का भी आग्रह करता हूं.”

दरअसल, पीएम मोदी देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने और इसके जरिए होने वाले रोजगार सृजन को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार देश के पर्यटन स्थलों के विकास और इसके प्रचार को लेकर सतत प्रयास कर रही है. इसी का नतीजा रहा है कि देश में पर्यटन की संभावना जितनी तेजी से बढ़ी है पर्यटकों की संख्या में भी उतनी तेजी से इजाफा हुआ है. अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है.

पीएम मोदी देश के पर्यटन के प्रति दुनिया का आकर्षण कैसे बढ़े इसके लिए जो प्रयास कर रहे हैं, वह उनके हर दौरे में दिख रहा है. आज असम में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भी पीएम मोदी ने सेंट्रल कोहोरा रेंज में हाथी सफारी की उसके बाद उन्होंने उसी क्षेत्र में एक जीप सफारी भी की. इसके बाद पीएम ने वहां की तस्वीरें शेयर करते हुए पर्यटकों से यहां आने का आह्वान भी किया.

इससे पहले पीएम मोदी देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ योजना का भी शुभारंभ कर चुके हैं. जिसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में 53 अन्य परियोजनाओं का डिजिटल उद्घाटन किया गया था. वहीं अपने जम्मू-कश्मीर के दौरे के क्रम में पीएम मोदी ने स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘वेड इन इंडिया’ अभियान की वकालत की थी. इसके साथ ही उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपने परिवार के सदस्यों को देश का भ्रमण करने के लिए भेजने और विदेशी लोगों को भारत घूमने आने के लिए प्रेरित करने के साथ ‘चलो इंडिया’ कार्यक्रम के साथ भी जुड़ने का आह्वान किया था. उन्होंने यहीं से राष्ट्रव्यापी पहल ‘देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024’ का शुभारंभ किया था. इस कार्यक्रम के जरिए सरकार का उद्देश्य पर्यटकों द्वारा चुने गए देशभर के सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों की पहचान करने का है.

वहीं, इससे पहले गुजरात के दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए भी गए थे. वहीं पीएम मोदी जलमग्न द्वारका नगरी के दर्शन के लिए गहरे समुद्र में पानी के नीचे भी गए थे. स्कूबा डाइविंग करते पीएम मोदी की तस्वीरें और वीडियो तब से सोशल मीडिया पर वायरल हैं. पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के बाद से ही वहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है.

पीएम मोदी इससे पहले लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे, वहां से उन्होंने बीच पर टहलते अपनी फोटो शेयर की तो लोगों के बीच लक्षद्वीप चर्चित हो गया. इसके साथ ही उनकी स्कूबा डाइविंग का वीडियो यहां से भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. कई मशहूर हस्तियों ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लक्षद्वीप को पर्यटन हॉटस्पॉट के रूप में बताते हुई इसकी खूब तारीफ की थी. वहीं गूगल सर्च पर लक्षद्वीप को खोजे जाने का रिकॉर्ड बन गया. पीएम मोदी ने इससे पहले केदारनाथ, गंगटोक जैसी जगहों पर भ्रमण करते अपनी तस्वीर शेयर की थी और इन जगहों पर भी पर्यटकों की आवाजाही तेजी से बढ़ी.

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे का असर देखिए 2023 में लक्षद्वीप जाने वाले पर्यटकों की संख्या जो करीब 25 हजार थी, उनके यहां आने के बाद से यह संख्या तेजी से बढ़ी है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद का वक्त था पीएम मोदी इस चुनाव के नतीजों से पहले केदारनाथ गए थे, जहां एक गुफा में उन्होंने ध्यान लगाया था. उनकी फोटो वायरल हुई थी. तब से अब तक वहां जाने वाले लोगों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है. अब इस गुफा को लेकर गढ़वाल मंडल विकास निगम की मानें तो यहां रात्रि प्रवास के लिए 3700 रुपये का शुल्क देना पड़ता है. यहां आने वाले लोगों की तादाद इतनी बढ़ गई है कि कई महीने पहले से यह जगह बुक कर ली जाती है. जब पीएम मोदी यहां गए थे तब यहां के लिए रात्रि प्रवास शुल्क 1500 रुपये और दिनभर रूकने का शुल्क 990 रुपये था.

वैसे ही 24 सितंबर 2018 को पीएम मोदी ने अपने इंस्टाग्राम सिक्किम की राजधानी गंगटोक की एक तस्वीर पोस्ट की थी. फिर क्या था गंगटोक को जानने की कोशिश लोगों के द्वारा इंटरनेट के जरिए तेज हो गई. वहीं अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर पहुंचने वाले लोगों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. पीएम मोदी भी इसका जिक्र कर चुके हैं. कश्मीर में बीते वर्ष रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक पहुंचे. इसके साथ ही बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी ने कई पर्यटन योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री का फोकस पूरी तरह से देश की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत को सहेजने और संवारने का भी रहा है. जिसके जरिए पर्यटन का विकास तेज हो सके. उन्होंने सनातन संस्कृति के वैभव को ही नहीं जैन, सिख, बौद्ध हर धर्म के ऐतिहासिक विरासत को सहेजने और संवारने का काम किया.

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जिस तरह से दर्शन के लिए यहां जनसैलाब उमड़ा है. उससे पता चल जाता है कि मंदिरों का विकास देश की अर्थव्यवस्था को कैसे आगे ले जाता है. एक रिपोर्ट की मानें तो देश भर में मंदिरों से जीडीपी का 2.32 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा आता है. इसके साथ ही बता दें कि ऐसे में मंदिरों के सहेजने और संवारने के सतत प्रयास की बदौलत 2028 तक देश में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी संभावना है.

पीएम मोदी के पर्यटन विकास के विजन का ही नतीजा रहा है कि सोमनाथ मंदिर, काशी विश्वनाथ, महाकाल मंदिर कॉरिडोर तो देश को समर्पित हो चुका है. अयोध्या में राम मंदिर भी देश के आम लोगों के लिए खुल गया है. यूपी में मथुरा-वृंदावन, असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में महालक्ष्मी, नासिक से त्र्यंबकेश्वर तक कॉरिडोर, चित्रकूट में वनवासी राम पथ, ओरछा में रामराजा लोक, दतिया में पीतांबरा पीठ कॉरिडोर जैसे कई अन्य धार्मिक विकास परियोजनाओं का काम लगभग पूरा होने के कगार पर है.

वहीं, मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद, चित्रकूट, ओरछा, दतिया, इंदौर, महू के कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है. इसके अलावा छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर लोक, ग्वालियर में शनि लोक, बड़वानी में नाग लोक, सलकनपुर का श्रीदेवी महालोक, ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर लोक का काम चल रहा है. इसके साथ ही गुजरात के पावागढ़ में 18 जून, 2022 को 500 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाली मंदिर शिखर पर पताका फहराया. इस मंदिर का पूनर्विकास किया गया. घाटी में फैले कई पुराने मंदिरों के पुनरुद्धार का काम शुरू है.

पीएम मोदी के प्रयासों से वहां के 740 जीर्ण-शीर्ण पड़े मंदिरों के पुनर्विकास के काम में तेजी आई है. उत्तराखंड में चार धाम विकास परियोजना पर काम शुरू हुआ है, इसके तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को हर मौसम के लिहाज से बेहतर सड़क से जोड़ने का काम चल रहा है. इसके साथ ही कर्णप्रयाग और ऋषिकेश को रेल मार्ग से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है. इसके साथ ही कई ऐसी योजनाएं हैं जिसको तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.

जीकेटी/