अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहली बार 6 भारतीय मूल के नेताओं ने ली शपथ, कौन था पहला भारतीय-अमेरिकन सांसद

वाशिंगटन, 4 जनवरी, . भारतीय अमेरिकियों के लिए शुक्रवार का दिन खास रहा. समुदाय के 6 नेताओं ने प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के रूप में शपथ ली. कांग्रेस के निचले सदन के लिए यह भारतीय अमेरिकियों का अब तक सबसे बड़ा शपथ ग्रहण था.

शपथ लेने वालों में कांग्रेस सदस्य डॉ. अमी बेरा सबसे वरिष्ठ हैं. उन्होंने कैलिफोर्निया के सातवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट के प्रतिनिधि के रूप में लगातार सातवीं बार शपथ ली.

बेरा ने सदन के पटल से सभी छह भारतीय अमेरिकी कांग्रेसियों की एक तस्वीर भी पोस्ट की.

वर्जीनिया के 10वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले सुभाष सुब्रमण्यन प्रतिनिधि सभा के सदस्य बनने वाले सबसे नए भारतीय अमेरिकी हैं. उन्होंने इस अवसर पर अपने परिवार और हाउस स्पीकर माइक जॉनसन के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की.

सभी छह भारतीय अमेरिकी सांसद डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं और उन्होंने सदन के स्पीकर पद के लिए चुनाव में सदन के अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफ्रीज को वोट दिया. हालांकि रिपब्लिकन माइक जॉनसन को सदन का अध्यक्ष चुना गया.

मिशिगन के 13वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेसी थानेदार, कैलिफोर्निया के 17वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले रो खन्ना और इलिनोइस के आठवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले राजा कृष्णमूर्ति ने भी शपथ ली.

वाशिंगटन राज्य के सातवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमिला जयपाल प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय अमेरिकी महिला हैं.

खन्ना, कृष्णमूर्ति और जयपाल, ने लगातार पांचवीं बार शपथ ली, जो इनके मजबूत होते राजनीतिक कद को दर्शाता है.

दलीप सिंह सौंद 1957 में प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय अमेरिकी और सिख थे. वह डेमोक्रेटिक पार्टी से थे और लगातार तीन कार्यकाल के लिए चुने गए थे.

दूसरे भारतीय अमेरिकी को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में प्रवेश करने में लगभग पांच दशक लग गए. बॉबी जिंदल ने 2005 से 2008 तक लुइसियाना के पहले कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व किया. बाद में वे लुइसियाना के दो-कार्यकाल वाले गवर्नर बने, जिससे वे किसी अमेरिकी राज्य के गवर्नर के रूप में चुने जाने वाले पहले भारतीय अमेरिकी बन गए. जिंदल रिपब्लिकन टिकट पर सदन में चुने जाने वाले एकमात्र भारतीय अमेरिकी रहे हैं.

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