सोल नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के यूनियन से जुड़े कर्मचारी 31 अक्टूबर से करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल

सोल, 19 अक्टूबर . दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक सोल नेशनल यूनिवर्सिटी (एसएनयू) अस्पताल के यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने सरकार के नीतिगत बदलावों और काम करने की खराब परिस्थितियों के विरोध में 31 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का फैसला किया है.

यूनियन अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बनाए रखने, कार्य स्थितियों में सुधार लाने तथा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की मांग कर रही है. अस्पताल के साथ विफल वार्ता के बाद यूनियन की एक बैठक में हड़ताल का फैसला किया गया.

समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, यूनियन का आरोप है कि सरकार एसएनयू अस्पताल जैसे सार्वजनिक अस्पतालों सहित तृतीयक अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम करके सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को नष्ट करने का प्रयास कर रही है और सार्वजनिक अस्पतालों में कर्मचारियों के लिए काम करने की स्थिति में सुधार करने में विफल रही है.

यूनियन का कहना है कि यदि अस्पताल प्रशासन सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सुदृढ़ करने तथा कर्मचारियों और रोगियों की सुरक्षा के लिए अधिक कर्मियों को नियुक्त के उसके आह्वान को स्वीकार नहीं करता तो कर्मचारी योजना के अनुसार हड़ताल करेंगे.

सरकार ने इससे पहले डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए 2025 के लिए मेडिकल स्कूल में 1,500 सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया था, और अगले पांच साल में इसमें 2,000 तक की वृद्धि की योजना थी.

इसके विरोध में फरवरी से हजारों प्रशिक्षु डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा देकर अपने कार्यस्थलों से अनुपस्थित हैं. साथ ही चिकित्सा समुदाय नए सिरे से एजेंडे पर चर्चा शुरू करने का आह्वान कर रहा है.

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री चो क्यू-होंग ने कहा कि अगर डॉक्टर मेडिकल सुधार पर बहस का प्रस्ताव रखते हैं तो सरकार उनके साथ बातचीत के लिए तैयार है. चो ने यह टिप्पणी पिछले सप्ताह सोल नेशनल यूनिवर्सिटी (एसएनयू) में सरकार और मेडिकल प्रोफेसरों के बीच हुई बहस के बाद की, जिसमें मेडिकल स्कूल के नए छात्रों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से मेडिकल सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

चो ने कहा, “हालांकि सरकार और एसएनयू की आपातकालीन समिति सत्र के दौरान अपने मतभेदों को कम करने में असमर्थ रही, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि समाधान खोजने के प्रयास में चर्चा शुरू हो गई है.”

आरके/एकेजे