छिंदवाड़ा में ‘विकास बनाम मोदी की गांरटी’ की चुनावी लड़ाई, कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी आमने-सामने

छिंदवाड़ा, 18 अप्रैल . मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छह संसदीय सीटों पर शुक्रवार को मतदान होने वाला है. इनमें सबसे हॉट सीट छिंदवाड़ा है. यहां चुनाव पूरी तरह ‘विकास बनाम मोदी की गारंटी’ पर लड़ा जा रहा है. मतदान से पहले मतदाताओं का मौन भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है.

छिंदवाड़ा सीट को कांग्रेस नेता कमलनाथ के गढ़ के तौर पर जाना जाता है. अब तक छिंदवाड़ा में 18 चुनाव में 11 बार नाथ परिवार चुनाव जीतता रहा है.

एक बार फिर इसी परिवार के प्रतिनिधि नकुलनाथ चुनावी मैदान में हैं और उनका मुकाबला भाजपा के विवेक बंटी साहू से है. नकुलनाथ के लिए यह दूसरा चुनाव है. पिछला लोकसभा चुनाव उन्होंने बतौर कांग्रेस उम्मीदवार लड़ा था और बड़ी जीत दर्ज की थी.

नाथ परिवार में नकुलनाथ हों या उनके पिता कमलनाथ या प्रिया नाथ, तीनों ही बीते 45 साल के अपने रिश्तों की जनता को याद दिला रहे हैं. वह बता रहे हैं कि इस अवधि में छिंदवाड़ा कितना बदला है.

कमलनाथ हर सभा में यह बता रहे हैं कि छिंदवाड़ा में कैसे बदलाव आया. उनका दावा है कि गांव में बिजली पहुंचाने से लेकर रेल सुविधाओं का जाल बिछाया गया है. युवाओं को रोजगार के अवसर मिले, इसके लिए प्रशिक्षण पर जोर दिया गया. उसी का नतीजा है कि छिंदवाड़ा को देश में अलग पहचान मिली है.

कमलनाथ का आरोप है कि भाजपा ने फसल का दाम बढ़ाने, गैस सिलेंडर 450 रुपए में देने सहित कई वादे किए थे, मगर वह अब तक पूरे नहीं हुए हैं.

दूसरी ओर भाजपा ने विवेक बंटी साहू को चुनाव मैदान में उतारा है. उन्होंने अभी हाल ही में विधानसभा का चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था.

विवेक बंटी साहू के समर्थन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दौरे कर चुके हैं. सभी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के मान-सम्मान में हुई बढ़ोतरी और बीते 10 साल की उपलब्धियों की चर्चा करते दिखे. साथ ही दावा कर रहे हैं कि ‘मोदी की गारंटी’ ही गारंटी को पूरा करने की गारंटी है. जो वादे किए गए, वह पूरे किए गए हैं.

भाजपा नेताओं की ओर से कश्मीर से धारा-370 हटाने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक को समाप्त करने के अलावा हर वर्ग के लिए योजनाओं को लागू करने की बात चुनावी जनसभा में कही गई. इतना ही नहीं स्थानीय और बाहरी को भी मुद्दा बनाया गया. मुख्यमंत्री मोहन यादव तो खुले तौर पर छिंदवाड़ा में सबकुछ गड़बड़ होने का आरोप लगा चुके हैं. साथ ही उन्होंने कमलनाथ को ही समस्या तक बता डाला.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छिंदवाड़ा के चुनाव में रोचकता बनी हुई है. दोनों ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं. वहीं, एक-दूसरे की कमियों की भी खुलकर चर्चा कर रहे हैं. विकास और मोदी की गारंटी तो चुनावी मुद्दा है ही, साथ में दोनों उम्मीदवारों की भी चर्चा हो रही है. यह चुनाव किसी के लिए भी आसान नहीं है. यही कारण है कि दोनों दल संभल-संभलकर सियासी कदम आगे बढ़ा रहे हैं.

एसएनपी/एकेएस