ड्रग फैक्ट्री मामला : मोबाइल से खुलेंगे कई राज, ग्राहकों और अन्य लोगों के कनेक्शन खंगालेगी पुलिस

ग्रेटर नोएडा, 19 अप्रैल . ग्रेटर नोएडा पुलिस ने 18 अप्रैल को एक ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए चार अफ्रीकी मूल के विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने करीब 200 करोड़ रुपए की ड्रग्स और उसको तैयार करने वाले उपकरण को भी जब्त किया था.

इस मामले में पकड़े गए चारों आरोपियों के फोन को पुलिस फॉरेंसिक टीम के पास भेजेगी, ताकि उनके फोन के डाटा को रिकवर कर उनके ग्राहकों और अन्य कनेक्शन को खंगाला जा सके.

मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की लोकल इंटेलीजेंस की टीम काफी दिनों से इस फैक्ट्री की रेकी कर रही थी और इसे पकड़ने से पहले पुलिस ने इनके खिलाफ सारे सबूत जुटा लिए थे. कस्टमर बनकर डील करने की भी कोशिश की गई थी.

दरअसल, सभी आरोपियों ने तीन महीने पहले ही यह मकान किराए पर लिया था और उसके बाद इसे ड्रग की फैक्ट्री में तब्दील कर दिया. आरोपी ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग के बाद अपने एजेंट, ऑनलाइन ऑर्डर, शॉपिंग एप्स के माध्यम से ड्रग्स का निर्यात दिल्ली-एनसीआर के कॉलेज, यूनिवर्सिटी और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में करने की योजना बना रहे थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि आरोपी ड्रग्स की मैन्युफैक्चरिंग के बाद इसे कूरियर के माध्यम से विदेश में भी सप्लाई करने की फिराक में थे.

बरामद कच्चा माल और उसको ड्रग्स में तैयार करने वाले उपकरणों की कीमत करीब 200 करोड़ रुपए आंकी गई है. दादरी पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त प्रयास से 26 किलो 670 ग्राम एमडीएमए/मैथ ड्रग्स बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 150 करोड़ रुपए है.

ड्रग्स बनाने के उपकरण और रॉ-मैटेरियल, केमिकल को बरामद किया गया है. जिससे लगभग 50 करोड़ रुपए की सिंथेटिक ड्रग तैयार की जा सकती है. काफी पहले अफ्रीकी मूल के विदेशी अभियुक्त को अवैध ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था.

गिरफ्तार अभियुक्तों की निशानदेही पर गुरुवार को सी-21/4 ओमीक्रॉन-1 मथुरापुर से एक ड्रग फैक्ट्री पकड़ी गई. जहां से करीब 26 किलो 760 ग्राम एमडीएमए मैथ और ड्रग्स बनाने के उपकरण के साथ रासायनिक पदार्थ, ड्रग्स की सप्लाई में इस्तेमाल होने वाली दो कार बरामद हुई थी.

पुलिस ने बताया है कि इफ्वानी जॉनबोस्को, चिड़ी, एमेनुएल और ओनटेक को गिरफ्तार किया गया है. सभी नाइजीरिया के निवासी हैं, जो ग्रेटर नोएडा में रहकर ड्रग्स का धंधा कर रहे थे. ये लोग दिल्ली-एनसीआर रीजन में ड्रग्स सप्लाई सिंडिकेट चलाते थे और यहीं इनका बेस था.

पीकेटी/एकेएस