दिल्ली की अदालत 20 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी

नई दिल्ली, 15 अप्रैल . दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि वह खत्‍म हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 20 अप्रैल को सुनवाई जारी रखेगी.

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सिसोदिया के वकील और सीबीआई और ईडी की ओर से पेश वकील की दलीलें सुनीं.

आप नेता की न्यायिक हिरासत पहले 18 अप्रैल तक बढ़ा दी गई थी.

इससे पहले ईडी ने सिसोदिया और अन्य आरोपी व्यक्तियों पर मामले की सुनवाई में देरी करने का आरोप लगाया था.

सिसोदिया की जमानत याचिका उनके वकील मोहित माथुर ने दायर की थी, जिसमें मामले की जांच पूरी करने में देरी का आरोप लगाया गया था. इसमें दावा किया गया था कि उनके मुवक्किल को मामले में कथित रिश्‍वत के पैसे से जोड़ने का कोई सबूत नहीं मिला है.

उन्होंने तर्क दिया था कि अपराध की कथित आय से सरकारी खजाने या निजी उपभोक्ताओं को कोई नुकसान होने की बात साबित नहीं हुई है. माथुर ने मुकदमे में देरी की बात पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का सिसोदिया को अदालत जाने की इजाजत देने वाला आदेश छह महीने पुराना है और जांच अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी.

मामले में एक अन्य आरोपी बेनॉय बाबू को दी गई जमानत का हवाला देते हुए माथुर ने सिसोदिया की जमानत के लिए दलील देते हुए कहा कि वह अब प्रभावशाली पद पर नहीं हैं.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताए गए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया और त्वरित सुनवाई का आग्रह किया.

माथुर ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करने और स्वतंत्रता के दुरुपयोग की आशंका नहीं रहने के कारण जमानत के लिए सिसोदिया की पात्रता स्थापित की गई है.

ईडी और सीबीआई दोनों ही सिसोदिया की भूमिका की जांच कर रहे हैं.

इससे पहले, सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा था कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने से जांच में बाधा आ सकती है.

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