रांची, 22 मार्च (आईएनएस). झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की सिविल सर्विस परीक्षा का पेपर कथित तौर पर लीक होने का विवाद नहीं थम रहा है. एक तरफ पुलिस-प्रशासन की ओर से पेपर लीक की अफवाह फैलाने के आरोप में अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर से लेकर उनकी गिरफ्तारी तक की कार्रवाई हो रही है, दूसरी तरफ कई अभ्यर्थी और विपक्षी पार्टी भाजपा के नेता गड़बड़ियों के सबूत पेश करते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
जेपीएससी ने 11वीं सिविल सर्विस के लिए प्रारंभिक परीक्षा 17 मार्च को ली थी. इसके लिए पूरे राज्य में 834 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. तीन जिलों जामताड़ा, चतरा और धनबाद में छात्रों ने पेपर लीक और गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था.
जेपीएससी और प्रशासन ने पेपर लीक की बात को अफवाह और आयोग को बदनाम करने की साजिश बताया है. अब जामताड़ा जिला पुलिस ने पेपर लीक की अफवाह फैलाने के आरोप में तीन युवकों विनीत कुमार, चंदन कुमार एवं एक अन्य को गुरुवार की शाम गिरफ्तार किया.
जामताड़ा जिला प्रशासन ने इस मामले में 21 नामजद अभ्यर्थियों एवं कई अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. चतरा जिले में भी 43 अभ्यर्थियों पर प्रशासन ने परीक्षा के दौरान हंगामा करने और पेपर लीक की अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.
झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया. भाजपा नेताओं ने पेपर लीक किए जाने का दावा करते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा, “बार-बार चेतावनी दी जा रही थी, इतने कम समय में जेपीएससी की पारदर्शी परीक्षा का आयोजन संभव नहीं है. फिर भी जेपीएससी ने अधूरी तैयारी के साथ परीक्षा आयोजित कराई, जिसमें कई अनियमितता देखने को मिली. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि जेपीएससी के प्रश्न पत्र परीक्षा के 2 घंटे पूर्व ही फेसबुक पर अपलोड कर दिए गए हैं.“
मरांडी ने आगे लिखा, “एक और सूचना है कि प्रथम तथा द्वितीय पाली की परीक्षा में सामान्य अध्ययन के 22 प्रश्न रिपीट हो गए हैं. साथ ही 4 प्रश्न भी गायब हैं. परीक्षा से दो घंटे पहले पेपर लीक होने और 22 प्रश्नों के रिपीट होने से परिणाम में बड़ा अंतर आ सकता है. इससे परीक्षा में हुई गड़बड़ी प्रामाणित हो रही है. अतः राज्य के मुख्य सचिव तत्काल मामले का संज्ञान लेकर छात्रों के हित में प्रारंभिक परीक्षा रद्द करें.”
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी सोशल मीडिया पर कथित तौर पर अपलोड किए गए प्रश्न पत्र का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “राज्य के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना किया जाए, यह बहुत भारी पड़ेगा ! जांच कीजिए कौन दोषी है और सरकार का पक्ष इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर साफ किया जाए.“
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एसएनसी/एबीएम