कांग्रेस सरकार ने तुष्‍टीकरण के लिए बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले की जांच विफल करने की कोशिश की : कर्नाटक भाजपा

बेंगलुरु, 13 अप्रैल . कर्नाटक में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस सरकार के नेताओं और मंत्रियों ने बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले की जांच को विफल करने का प्रयास किया.

उन्होंने कहा, हालांकि यह सराहनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मामले को सुलझाने में सक्षम रही.

अशोक ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, आतंकवादी हमले के बाद राज्य के लोग भयभीत हैं. एनआईए ने उचित समय पर संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था और भविष्य में सुरक्षा खतरों को विफल कर दिया था. उन्होंने कहा, ”मैं इसके लिए एनआईए अधिकारियों को बधाई देता हूं.”

कांग्रेस नेताओं ने घटना को मोड़ने का प्रयास किया था. उन्होंने यह सोचकर पुलिस पर दबाव डाला था कि यदि कार्रवाई से अल्पसंख्यकों को पीड़ा होगी, तो वे अपने वोट बैंक से चूक जाएंगे.

डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने बयान दिया था कि यह घटना व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के कारण हुई थी और पुलिस ने उनके निर्देशों पर काम किया. अशोक ने आरोप लगाया कि जब राज्य में पहले कुकर विस्फोट की घटना हुई थी, तब शिवकुमार ने हस्तक्षेप किया था और आरोपी व्यक्तियों को अपने भाइयों के रूप में संबोधित किया था.

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के दृष्टिकोण के कारण पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका. हालांकि, एनआईए ने जब मामले को अपने हाथ में लिया और जांच की, तब यह आतंकवादी कृत्य निकला.”

अशोक ने कहा“आतंकवादी पश्चिम बंगाल राज्य में पकड़े गए जहां कांग्रेस पार्टी की बहन ममता बनर्जी शासन कर रही हैं. आतंकवादी पश्चिम बंगाल राज्य में सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं.”

उन्‍होंने आरोप लगाया, जब एनआईए ने साईं प्रसाद (भाजपा कार्यकर्ता) को जांच के लिए बुलाया था, तो स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने घटनाक्रम का फायदा उठाते हुए राज्य को गुमराह करने की कोशिश की. हालांकि, वह इस मामले में गवाह थे और कांग्रेस नेताओं ने उनके बारे में सारी जानकारी उजागर कर दी है.

अशोक ने कहा, “उन्हें देश की कोई चिंता नहीं है. कांग्रेस नेताओं का उद्देश्य लूट को अंजाम देने के लिए अलग राष्ट्र बनाना है. मंत्री प्रियांक खड़गे ने विधानमंडल में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने की घटना को मोड़ने की कोशिश की थी.”

अशोक ने कहा कि बेंगलुरु में केजी हल्ली-डीजे हल्ली हिंसा एक आतंकी कृत्य जैसी थी. इस सिलसिले में जेल गए संपत राज को एक बोर्ड के अध्यक्ष का पद दिया गया है. लेकिन, घटना में दलित विधायक का घर जलाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. .

12 अगस्त, 2020 को पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट सामने आने के बाद केजी हल्ली-डीजे हल्ली में हिंसा भड़क गई थी. पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई थी. दंगाई भीड़ ने पुलिस स्टेशन और तत्कालीन कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर को आग लगा दी थी.

अशोक ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले किए गए थे. उनके लिए ‘हिटलर’ और ‘तानाशाह’ शब्द के इस्तेमाल की शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी.

उन्‍होंने कहा कि असली ‘हिटलर’ केवल कांग्रेस पार्टी ही हो सकती है. दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया और सभी विरोधियों को जेल भेज दिया था. जो कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी की तुलना हिटलर से कर रही है, उसमें अभी भी ब्रिटिश औपनिवेशिक मानसिकता है.

अशोक ने आगे कहा, “भाजपा के लिए भारतीय संविधान भगवद् गीता है. कांग्रेस दुष्प्रचार कर रही है कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो संविधान बदल दिया जाएगा.. चूंकि कांग्रेस पार्टी कमजोर है, इसलिए वह कमजोर राष्ट्र चाहती है. कांग्रेस शक्तिशाली भारत नहीं चाहती.”

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