कोलकाता, 6 अक्टूबर . दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर इलाके में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं. स्थानीय लोगों ने नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ रविवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
स्थानीय लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पीड़िता के माता-पिता द्वारा उनकी बेटी के लापता होने की प्रारंभिक सूचना दिए जाने पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया.
माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुक्रवार शाम को पुलिस को अपनी बेटी के लापता होने की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. उन्होंने जांच तभी शुरू की जब शुक्रवार आधी रात के बाद पीड़िता का शव पास की नहर से बरामद हुआ.
पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी लापता बेटी की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया और अगर उन्होंने तुरंत अपना काम किया होता तो ऐसी भयावह त्रासदी टाली जा सकती थी.
शनिवार सुबह से ही सैकड़ों स्थानीय लोगों ने जयनगर पुलिस स्टेशन के पास पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. जैसे-जैसे समय बीतता गया, प्रदर्शन हिंसक होता गया और लोगों ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. स्थानीय पुलिस कैंप में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को भारी लाठीचार्ज करना पड़ा.
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है.
इस बीच, जिला पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया कि नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी मुस्तकीन सरदार ने लड़की की हत्या की बात कबूल कर ली है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि उसने लड़की के साथ बलात्कार की बात स्वीकार नहीं की है.
जयनगर जिले के अंतर्गत आने वाले बरुईपुर जिले के पुलिस अधीक्षक पलाश चंद्र ढाली ने कहा कि बलात्कार की घटना हुई है या नहीं, यह शव के पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा.
राज्य पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार करने के बाद भी किसी तरह का पश्चाताप नहीं दिखाया है. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर उसे ऐसा जघन्य अपराध करने के लिए किसने प्रेरित किया.
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आरके/केआर