महाराष्ट्र के बदलापुर में एक प्रसिद्ध स्कूल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे की सोमवार शाम पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. इस मुठभेड़ को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी पार्टियां इस एनकाउंटर को फर्जी करार देकर एकनाथ शिंदे सरकार पर लगातार हमले कर रही हैं, जबकि महाराष्ट्र के लोग इस पुलिस कार्रवाई को न्यायसंगत बता रहे हैं.
महाराष्ट्र की कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है. वनइंडिया से बातचीत के दौरान कई लोगों ने इस कार्रवाई के प्रति सहमति जताते हुए इसे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक आवश्यक कदम बताया. साथ ही, ‘MVA’ (महाविकास अघाड़ी) पर इस घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.
वहीं, विपक्षी दल अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने का आरोप लगाते हुए मुठभेड़ की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं. विपक्ष के इन आरोपों पर जनता ने पलटवार करते हुए इसे संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण बताया. इतना ही नहीं, अक्षय शिंदे के मारे जाने के बाद लोगों ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया.
बदलापुर मामले में, अक्षय शिंदे ने 1 अगस्त को एक प्रसिद्ध स्कूल में सफाईकर्मी के रूप में काम करना शुरू किया था. उस पर नर्सरी कक्षा की दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप था. जैसे ही इस घटना का खुलासा हुआ, अभिभावकों के विरोध के बाद उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था.
इस खुलासे के बाद हजारों की संख्या में लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. ट्रेनों को रोक दिया गया और हिंसा फैल गई. राजनीतिक बैनरों के साथ यह प्रदर्शन और उग्र हो गया. इस घटना को राजनीतिक रंग देने के बजाय, जनता में वास्तविक आक्रोश था और उन्होंने अक्षय शिंदे के लिए कड़ी सजा की मांग की. अब जब अक्षय शिंदे की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई है, विपक्षी दल इसे लेकर शिंदे सरकार पर निशाना साध रहे हैं.