नोएडा, 26 सितंबर . ईडी नोएडा हैंसिडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोट्स 300 प्रोजेक्ट की जांच कर रही है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शारदा एक्सपोर्ट के मालिक के साथ कथित तौर पर मिलीभगत में शामिल सेवानिवृत्त आईएएस मोहिंदर सिंह के परिसरों पर व्यापक छापेमारी की थी.
प्राधिकरण ने गुरुवार शाम को बताया कि हैंसिडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को आंवटित ग्रुप हाउसिंग भूखंड जीएच-01/ए सेक्टर-107 का प्राधिकरण पर करीब 191.93 करोड़ रुपए बकाया है. तमाम प्रयास के बाद भी बिल्डर प्राधिकरण का पैसा वापस नहीं कर रहा है. ऐसे में जांच में सहयोग करने और बकाया पैसा दिलाने के लिए प्राधिकरण के सीईओ ने प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ को पत्र लिखा है. जिससे रिकवरी के आधार पर प्राधिकरण का पैसा वापस मिल सके.
ईडी की छापेमारी के दौरान चंडीगढ़ स्थित मोहिंदर सिंह के घर से 7 करोड़ रुपए के हीरे और मेरठ स्थित आदित्य गुप्ता के घर से 5 करोड़ रुपए के हीरे बरामद हुए थे. इसके अलावा ऑपरेशन में 7 करोड़ रुपए का सोना, नकदी और कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद हुए थे. इस पूरे मामले में पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह की भूमिका काफी संदिग्ध है. सीधे शब्दों में वे इसके गेम प्लानर हैं.
दरअसल, 2008 में सीईओ मोहिंदर सिंह ने अपनी वीटो पावर का प्रयोग करके बिल्डरों को लाभ दिया. उन्होंने भू आवंटन दर 30 प्रतिशत की बजाए 10 प्रतिशत की. इस खेल में वही शामिल नहीं हैं, बल्कि ईडी की रडार पर उनके समय नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हैं.
बता दें कि कंपनी के निदेशकों पर आरोप था कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट के नाम पर निवेशकों से रकम जुटाई, जिसे बाद में अपने दूसरे प्रोजेक्ट में हस्तांतरित कर दिया. निवेशकों को जिस क्षेत्रफल का फ्लैट देने का कंपनी ने वादा किया था, उसे भी पूरा नहीं किया. हाईकोर्ट के आदेश पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. अदालत ने अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई जारी रखने को कहा था.
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पीकेटी/एबीएम