सीएए को लेकर पंजाब की बहादुर सिख कौम को बदनाम कर रहे अरविंद केजरीवाल : भाजपा

नई दिल्ली, 13 मार्च . देश में सीएए कानून को लागू करने के खिलाफ अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए बयान को लेकर भाजपा ने दिल्ली के सीएम पर चौतरफा हमला बोला है.

एक तरफ जहां भाजपा वोट बैंक की राजनीति के कारण केजरीवाल पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ पंजाब की बहादुर सिख कौम को बदनाम करने का भी आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के बड़े सिख चेहरों में से एक सरदार आरपी. सिंह ने से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल का हिंदू और सिख विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री उस बहादुर सिख कौम को बदनाम कर रहे हैं, जिसका इतिहास महिलाओं की रक्षा के लिए अपनी जान देने का रहा है.

उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों में केजरीवाल के इस बयान से बहुत गुस्सा है. सरदार आरपी. सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिया है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान से प्रताड़ित जो सिख एवं हिंदू यहां (भारत) आएंगे, वो बलात्कार करेंगे, चोरियां करेंगे, डकैती करेंगे, जबकि, ये लोग उन देशों से आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर यहां आएं हैं और पिछले 10-15 सालों से यहां रह रहे हैं.

सिंह ने कहा कि इससे केजरीवाल की मंशा साफ हो रही है कि उन्हें पंजाब से और सिखों से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें इस बात से भी कोई मतलब नहीं है कि उनके इस बयान का पंजाब के सामाजिक जीवन पर और लोगों पर क्या असर पड़ेगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान बताता है कि केजरीवाल राजनीति में किस हद तक जा सकते हैं. उनके विधायक दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों के साथ खड़े नजर आते हैं, लेकिन, जो सिख और हिंदू पाकिस्तान-अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आएं हैं, उन्हें केजरीवाल बलात्कारी बता रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के कारण, ये किसी भी हद तक जा सकते हैं, किसी भी हद तक जाकर हिंदू और सिख को बदनाम कर सकते हैं.

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भी अरविंद केजरीवाल पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने और झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएए को लेकर विचित्र वक्तव्य दिया है कि बाहर के लोग नौकरी ले लेंगे, यह कौन सा तर्क है. जबकि, बार-बार यह कहा जा रहा है कि इससे ना किसी की नौकरी ली जाएगी और ना ही किसी की नागरिकता ली जाएगी.

रविशंकर प्रसाद ने अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, लेफ्ट पार्टियों और केरल एवं तमिलनाडु के विपक्षी दलों सहित अन्य कई राजनीतिक दलों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रोहिंग्या का समर्थन करने वाले ये नेता आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर भारत आने वाले लोगों को नागरिकता का संरक्षण देने वाले कानून का विरोध कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ये कानून उनके लिए है जो आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत आए हैं, जिन्हें हिन्दू, सिख, ईसाई और पारसी होने के कारण प्रताड़ित होकर भारत आना पड़ा.

उन्होंने सवाल पूछा कि क्या आस्था के नाम पर प्रताड़ित होने वाले इन लोगों को कानूनी माध्यम से नागरिकता का सरंक्षण देना भारत का नैतिक, संवैधानिक और सांस्कृतिक अधिकार है या नहीं ?

उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने बार-बार कहा है कि इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी. गृह विभाग ने भी कहा है कि सीएए देश के मुसलमानों के विरोध में कुछ नहीं कहता. यह कानून किसी भी भारतीय को उनकी नागरिकता से वंचित नहीं करता है. लेकिन, इसके बावजूद ये नेता सीएए पर झूठ का व्यापार कर रहे हैं और इसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि आखिर ये दल वोट बैंक के लिए कहां तक जाएंगे?

एसटीपी/एबीएम