New Delhi, 12 जुलाई . ढलती उम्र के साथ धीरे-धीरे कुछ बदलाव आने लगते हैं, जिससे कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे छोटी-सी समस्या भी पहाड़ बनने लगती हैं. ऐसे ही पांच योगासन हैं, जिन्हें रोजाना करने से सेहत में काफी बदलाव आते हैं.
बालासन, जिसे ‘चाइल्ड पोज’ भी कहा जाता है, एक सरल योग आसन है. ये तनाव कम करने और शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है. भारत सरकार का आयुष मंत्रालय के अनुसार, बालासन का नियमित अभ्यास करने से दिमाग शांत रहता है और तनाव भी कम होता है. यही नहीं, बालासन पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है, जिससे अपच, वात और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
कहते हैं ‘पेट सफा तो हर रोग दफा’ और बुढ़ापे में पेट संबंधित समस्याएं अक्सर बनी रहती हैं, मलासन एक आसान और प्रभावी व्यायाम है, जिसका सुबह के समय कुछ मिनट अभ्यास करने से सेहत में सुधार होता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ाता है और मानसिक शांति के लिए भी बेहतरीन है.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, पश्चिमोत्तासन आसन विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद है. इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है. साथ ही हैमस्ट्रिंग, काल्व्स और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है, जिससे पीठ दर्द में भी राहत मिलती है. यह आसन साइटिका की संभावना को कम करता है.
सेतु बंध सर्वांगासन को ‘ब्रिज पोज’ भी कहते है. नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से कमर दर्द और पीठ के निचले हिस्से की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है. यह थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिससे हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है.
‘ताड़ासन’ के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई लाभ मिलते हैं. हाई ब्लड प्रेशर में ‘ताड़ासन’ रक्त संचार को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है. यह शरीर की मुद्रा को सुधारता है, जिससे ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है.
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एनएस/केआर