तिरुवनंतपुरम, 26 फरवरी . पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य को लेकर बुधवार को अहम जानकारी सामने आई है. एक कार्डिनल ने कहा कि पोप फ्रांसिस अपने गृह देश के एक अस्पताल में भर्ती हैं और हालत अभी भी गंभीर, लेकिन स्थिर बनी हुई है.
से बात करते हुए एक भारतीय कार्डिनल ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पोप की हालत अभी भी वैसी ही बनी हुई है.
कार्डिनल ने कहा, “सामान्य नियम यह है कि अगर कोई पोप पद छोड़ने का फैसला करता है, जैसा कि साल 2013 में उनके पूर्ववर्ती पोप बेनेडिक्ट सोलह ने किया था, तो सभी कार्डिनल्स की एक बैठक बुलाई जाती है और सेवानिवृत्त होने का फैसला लिया जाता है. यहां तक कि जब मैं कहता हूं कि यह सामान्य नियम है, तो यह बैठक के बिना भी हो सकता है.”
भारतीय कार्डिनल ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा, “अभी तक ऐसी कोई बैठक नहीं बुलाई गई है.”
बता दें कि भारत में वर्तमान में चार कार्डिनल हैं.
जब कार्डिनल से पूछा गया कि पोप का चुनाव कैसे होता है तो उन्होंने कहा कि निर्वाचक मंडल में कार्डिनल होते हैं और 80 से कम आयु के सभी लोग नए पोप के लिए मतदान करते हैं.
कार्डिनल ने कहा, “वोटिंग अधिकार रखने वाले सभी कार्डिनल पोप के पद के लिए पात्र हैं. अगर मेरी याददाश्त सही है तो लगभग 130 कार्डिनल हैं, जो अगले पोप को चुनने के लिए मतदान कर सकते हैं, लेकिन अगर 80 वर्ष से अधिक आयु के कार्डिनल की कुल संख्या ली जाए, तो यह संख्या और भी अधिक है.”
कार्डिनल ने कहा, “भारत के चार कार्डिनल में से एक मई में 80 वर्ष की आयु को पार कर जाएंगे.”
उन्होंने यह भी बताया कि केरल और भारत के सबसे नए कार्डिनल कैथोलिक पादरी जॉर्ज जैकब कूवाकड हैं, जिन्हें पिछले साल दिसंबर में पादरी से कार्डिनल के उच्च पद पर पदोन्नत किया गया था, जबकि कई अन्य लोग अपने पद पर नियुक्त होने से पहले बिशप थे.
कार्डिनल ने कहा, “यह नया कार्डिनल वेटिकन में रहता है और वहां बने हुए हैं.”
दरअसल, केरल में तीन कैथोलिक रीति-रिवाज हैं, जिनमें सीरो-मालाबार, लैटिन और सिरो मलंकारा चर्च शामिल हैं. इन तीन चर्चों में केरल के 50 प्रतिशत से अधिक ईसाई शामिल हैं, जो राज्य की 3.30 करोड़ आबादी का लगभग 17 प्रतिशत है.
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एफएम/केआर