गाजियाबाद, 11 दिसंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश भर में आयोजित की गई स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इस हैकाथॉन में गाजियाबाद के काइट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के छात्रों ने भी हिस्सेदारी की. पीएम मोदी के संबोधन के बाद छात्रों में इस हैकाथॉन और नवाचार को लेकर उत्साह देखने को मिला.
एक छात्र ऋषभ भिंगाड़े ने बताया, “पीएम मोदी को सुनकर हम लोगों को बड़ी ही प्रेरणा मिली. इसमें हमें इस चीज की प्रेरणा दी गई है कि हमारे नवाचार से पूरे देश को फायदा मिले. हमारी कल्पना है कि जो भी हम नवाचार करें उससे देश को मदद मिले.”
दीपिका गायकवाड़ ने कहा, “प्रधानमंत्री का यह भाषण बहुत ही प्रेरणादायक था. इसके बाद हमें मिले अपने प्रोजेक्ट पर हम काम करेंगे. इससे हम भारत की उन्नति का हिस्सा बनेंगे.”
प्रथमेश तिवारी ने कहा, “हम कार्बन डाय ऑक्साइड पर अपने नवाचार से जुड़ा कार्य कर रहे हैं. वातावरण की बहुत सारी गैसों को में से हम विशेष रूप से कार्बन डाय ऑक्साइड को ले रहे हैं, जो हमारे वातावरण को बहुत ज्यादा गंदा कर रही है. हमने अभी देखा कि दिल्ली में बहुत ज्यादा प्रदूषण बढ़ गया है. इसमें कार्बन डाय ऑक्साइड की मात्रा बहुत बढ़ गई है. इसमें हम एक ऐसा सिस्टम बना रहे हैं कि हम कार्बन डाय ऑक्साइड को वातावरण से लेकर कहीं और इस्तेमाल करेंगे.
काइट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स की डायरेक्टर जनरल प्रीती बजाज ने कहा, “आज की जनरेशन जिसे जेन जेड कहा जाता है. यह हैकाथॉन नवाचार के माध्यम से देश की बड़ी-बड़ी समस्याओं को हल करने का बहुत बड़ा माध्यम है. इस अवसर को प्रधानमंत्री मोदी पिछले 8 वर्षों से दे रहे हैं. यह हैकाथॉन बहुत ही एस्टेब्लिश हो चुका है. जो दुनिया का अपनी समस्याएं सुलझाने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है. जो बच्चे अभी 17 या 18 साल के हैं वह अभी से सीख रहे हैं कि देश की बड़ी-बड़ी समस्याओं को कैसे हल किया जाता है. इसमें बहुत सारी सफल कहानियां हैं. जैसे अभी 51 मंत्रालयों ने अपने-अपने स्टेटमेंट दिए हैं. हर वर्ष ये मंत्रालय बढ़ते जा रहे हैं. यह इसकी सफलता की कहानी है कि इसमें बच्चे जुड़े हैं.”
काइट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के ज्वाइंट डायरेक्टर मनोज गोयल ने कहा, “स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन पूरे देश का सबसे बड़ा हैकाथॉन है. ये युवाओं के लिए बहुत बड़ा और बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है. इससे वह अपने नवाचार के आइडिया का प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने बहुत काम किया है. इस बार पूरे देश के 50,000 से ज्यादा बच्चे इस हैकॉथान में शामिल हुए हैं. इसके करीब 13 नोडल सेंटर बनाए गए हैं. इन 50,000 बच्चों को 3 दिन में उन समस्याओं को जो इंडस्ट्री ने दी हैं, उन्हें सुलझाना है. इससे इन बच्चों को बहुत आत्मबल मिलेगा. ये लाइव लर्निंग है बच्चों के लिए.”
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पीएसएम/जीकेटी