गया/नालंदा, 5 दिसंबर . बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर बिहार के हिंदुओं में आक्रोश व्याप्त है. इस अत्याचार के विरोध में गुरुवार को नालंदा और गया में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया.
बिहार के गया के गांधी मैदान में आयोजित धरना कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की. धरना पर बैठे वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार और हिंसा की जा रही है, इसके खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द कार्रवाई कर अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार को बंद किया जाए.
धरने पर बैठे बिहार के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान, कनाडा हो या बांग्लादेश, हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, उसी के विरोध में हिंदुओं ने आज धरना दिया. इस धरने के जरिए हम लोगों की मांग है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाए. हिंदू समाज इन हमलों को लेकर चुप नहीं बैठेगा. धरना कार्यक्रम में इस्कॉन मंदिर के धर्मगुरु जगदीश श्याम दास सहित युवा भाजपा नेता मनीष पंकज, विभिन्न संगठन के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. सभी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को रोकने के लिए भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग उठाई.
नालंदा जिला मुख्यालय स्थित बिहारशरीफ के अस्पताल चौक पर बांग्लादेश में हिंदू, जैन, सिख और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया. यह प्रदर्शन राष्ट्रीय भारतीय समाज के बैनर तले आयोजित किया गया, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों ने भाग लिया.
भाजपा जिलाध्यक्ष रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में सभी नागरिकों को सुरक्षित रखा जाता है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार बेहद चिंताजनक है. हमारी मांग है कि वहां हिंदू समुदाय के जान-माल को सुरक्षा दी जाए. जहां भी सनातनियों पर अत्याचार होगा, हम उसका विरोध करेंगे.
धरना कार्यक्रम में शामिल डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा कि आज बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समाज के लोगों पर अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं. हमारे हिंदू, जैन, सिख परिवार असुरक्षित हैं. उन्होंने बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों द्वारा हिंदू धर्मगुरुओं को जेल में डालने और अन्य अत्याचारों की निंदा की. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को इजरायल की तरह आक्रामक नीति अपनानी चाहिए और अखंड भारत के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए.
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एमएनपी/एबीएम