भोपाल 12 अक्टूबर . मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले दो विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनाव के लिए भले ही चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान न किया हो मगर राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है. नेताओं के दौरे हो रहे हैं और कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जा रहा है.
राज्य में दो विधानसभा क्षेत्र बुधनी और विजयपुर ऐसे हैं जहां के विधायक अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. इन दोनों स्थानों पर आगामी समय में उप-चुनाव होना तय हैं. बुधनी से विधायक रहे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं वहीं विजयपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने भाजपा का दामन थामा है. रावत वर्तमान में मोहन यादव सरकार में वन मंत्री हैं.
राज्य में होने वाले इन दो विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनाव की भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने तैयारी तेज कर दी है. कांग्रेस की ओर से चुनाव के प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं और नेताओं के प्रवास भी शुरू हो गए हैं. अभी हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजयपुर का दौरा किया और दल बदल करने वाले रामनिवास रावत पर आदिवासियों की अपेक्षा करने का आरोप लगाया.
वहीं दूसरी ओर भाजपा अपने सदस्यता अभियान के जरिए नेताओं को सक्रिय किए हुए है. कई बड़े नेता विजयपुर और बुधनी का दौरा भी कर चुके हैं. कार्यकर्ताओं की बैठक हो रही हैं और उन्हें सक्रिय रहने का संदेश भी दिया जा रहा हैं.
दोनों ही राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों को लेकर मंथन का दौर जारी है और इन दो विधानसभा क्षेत्रों में से विजयपुर के लिए भाजपा की ओर से रामनिवास रावत का उम्मीदवार बनना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं. वहीं कांग्रेस को नए चेहरे की तलाश करना है. बात बुधनी की करें तो वहां से भाजपा के उम्मीदवार के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं उनमें रमाकांत भार्गव के अलावा शिवराज के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान के नाम शामिल हैं. कांग्रेस यहां भी नए चेहरे पर दांव लगाने का मन बना रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उप-चुनाव सत्ताधारी दल के लिए ज्यादा आसान होते हैं. राज्य में अभी हाल ही में छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में ऐसा ही कुछ हुआ और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कमलेश सिंह निर्वाचित हुए हैं. भाजपा कांग्रेस दोनों ही इन चुनाव में अपनी पूरी ताकत लगाएगी और चुनाव को रोचक बनाने की भी कोशिश होगी. कुल मिलाकर यह उप चुनाव मोहन यादव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के लिए काफी अहम रहेंगे.
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एसएनपी/एएस