मैसूर, 3 अक्टूबर . जनता दल (सेक्युलर) से विधायक जीटी देवगौड़ा ने गुरुवार को कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अपनी ही पार्टी और केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी की आलोचना की.
जीटी देवगौड़ा ने कहा कि जब किसी पर एफआईआर होती है तो उसको किसी पद पर नहीं रहना चाहिए. इसमें भाजपा, जनता दल और कांग्रेस के लोग भी शामिल हैं, अगर उनपर भी एफआईआर होती है, तो उनको भी पद पर नहीं बने रहना चाहिए.
जेडीएस विधायक ने आगे कहा कि कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया की अप्रत्याशित घटना को लेकर राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने जांच के आदेश दिए और कोर्ट ने उनके फैसले को जारी रखा. लेकिन क्या कानून ऐसा कहता है कि जांच के दौरान किसी को जेल में डालना चाहिए या अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए? कोर्ट या राज्यपाल ने सीएम से इस्तीफा मांगा या जेल में डालने के लिए कहा है?
उन्होंने आगे कहा कि क्या मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कोई विकास कार्य नहीं किया? जब एक बार कोई राज्य या देश में मंत्री बन जाता है, तो उसको इस बात को समझना चाहिए कि उसका कितना सम्मान है और उसी के हिसाब से उसको व्यवहार करना चाहिए. लेकिन, फिर भी कई लोग सीएम के सभी अच्छे कामों को नजरअंदाज करके उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
जीटी देवगौड़ा ने आगे कहा कि एचडी कुमारस्वामी ने लोकसभा में दो सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि सिद्दारमैया ने विधानसभा में 136 सीटों को जीता है. ऐसे में क्या कुमारस्वामी इस्तीफा देंगे, जो वो मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं. हमें बताएं कि कौन सा कानून कहता है कि सिद्दारमैया को जेल में डालना चाहिए.
बता दें कि कांग्रेस शासित दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मूडा) घोटाला का मुद्दा गरमाया हुआ है. यहां पर सूबे के सीएम एम सिद्दारमैया के ऊपर तथाकथित जमीन को गलत तरीके से अपनी पत्नी के नाम करने का आरोप लगा है. इसको लेकर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा और जेडीएस कांग्रेस पर हमलावर है. विपक्षी नेता सिद्दारमैया से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
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एससीएच/जीकेटी