लाेेकसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए सीएम विजयन जिम्मेदार नहीं : केरल माकपा

तिरुवनंतपुरम, 20 जून . लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार की समीक्षा के लिए पांच दिवसीय बैठक के बाद माकपा की केरल इकाई ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की कार्यशैली के कारण हार की संभावना से इनकार किया.

2019 के लोकसभा चुनावों की तरह, इस बार भी माकपा के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट को सिर्फ एक सीट मिली. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने 18 सीटें जीतीं और भाजपा ने राज्य में पहली बार अपना खाता खोला.

राज्य माकपा सचिव एम.वी. गोविंदन ने कहा कि उन्हें इस तरह के परिणाम की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने स्वीकार किया कि वे लोगों की भावनाओं को समझने में विफल रहे.

“समीक्षा बैठक में, हमने हार के कुछ कारणों की पहचान की है. चूंकि लोकसभा चुनाव केंद्र सरकार को चुनने के लिए होता है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि लोगों ने सोचा होगा कि कांग्रेस हमसे कहीं बेहतर स्थिति में है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया.”

गोविंदन ने कहा,”विस्तृत विश्लेषण में, हमने पाया कि मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर कांग्रेस को वोट दिया. इस बार जातिवादी ताकतें खेल में आ गईं. परंपरागत रूप से हमारा समर्थन करने वाले हिंदू एझावा समुदाय का झुकाव दूसरी ओर भी रहा. भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी तुषार वेल्लापल्ली की पार्टी बीडीजेएस ने भी हमारे वोटों में सेंधमारी की. इसके साथ ही, ईसाई समुदाय के वोट भी भाजपा के पक्ष में गए. इसके चलते हमारे गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा.”

गोविंदन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फंड अटकाने के कारण जरूरतमंदों को पेंशन देने में भी कठिनाई आई.

उन्होंने कहा,”अब हमने लोगों के पास जाने का फैसला किया है. हम उनकी समस्याओं को जानेंगे और उनका समाधान करेंगे. दक्षिणपंथी मीडिया हमारे खिलाफ है और वे विजयन व उनके परिवार के खिलाफ निराधार कहानियां गढ़ रहे हैं. हमें यकीन है कि हम लोगों को समझाने और उन्हें वापस लाने में सक्षम होंगे. हमारे सभी राष्ट्रीय नेता चार क्षेत्रीय बैठकों (2 से 4 जुलाई तक) में भाग लेंगे.

यह पूछे जाने पर कि क्या विजयन की कार्यशैली पर चर्चा की गई, गोविंदन ने जवाब दिया, “विजयन की किस शैली को बदलना होगा? 2019 के चुनावों को भी देखें, हमें ऐसी ही हार का सामना करना पड़ा और क्या हुआ, हमने 2020 के स्थानीय निकाय चुनाव जीते और 2021 के विधानसभा चुनावों में हमने सत्ता बरकरार रखते हुए एक रिकॉर्ड बनाया. विजयन ही थे जिन्होंने हमारा नेतृत्व किया.”

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