हम आने वाली पीढ़ियों के लिए ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे : गौतम अदाणी

नई दिल्ली, 26 मार्च . अदाणी ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन गौतम अदाणी ने मंगलवार को कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम केवल इस पीढ़ी और अगली पीढ़ी के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अपने ग्रह की देखभाल करें. अदाणी ग्रीन एनर्जी ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व कर रही है जो इस प्रतिबद्धता का सम्मान करती है.

लंदन में साइंस म्यूजियम में ‘एनर्जी क्रांति : अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी’ के उद्घाटन पर गौतम अदाणी ने कहा कि उनका हमेशा मानना था कि हमारा जीवन एक बड़ी कहानी का हिस्सा है.

गौतम अदाणी ने कहा, ”यह एक ऐसी कहानी है जो हमारे पूर्वजों को जो कुछ भी पता था उसे उस भविष्य से जोड़ती है जिसे हम बनाना चाहते हैं. हमें अपने सभी कार्यों में आने वाली पीढ़ी के लिए सपने गढ़ते समय अपने पूर्वजों की समझ का सम्मान करना चाहिए.”

गौतम अदाणी ने सभा को बताया, ”गुजरात के खावड़ा में हम दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क बना रहे हैं. इसकी उत्पादन क्षमता 30 गीगावॉट होगी. इसका 538 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पेरिस से पांच गुना से भी अधिक बड़ा है.”

उन्होंने आगे कहा, “हम 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा तक पहुंचने का भी लक्ष्य बना रहे हैं. यह इंग्लैंड के लगभग हर घर को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने जैसा होगा.”

कंपनी के अनुसार, ‘एनर्जी क्रांति : अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी’, एक निःशुल्क गैलरी है. यह गैलरी दिखाती है कि किस तरह इनोवेशन के माध्यम से अतीत, वर्तमान और भविष्य को आकार दिया जा सकता है. यह भी पता लगाते हैं कि हमारे ऊर्जा भविष्य (एनर्जी फ्यूचर) को तय करने में हम सभी की भूमिका कैसे है.

गौतम अदाणी ने कहा कि यह नई गैलरी सिर्फ स्वच्छ हवा या तेल और गैस से दूर जाने के बारे में नहीं है. यह उस ऊर्जा परिवर्तन के बारे में है जिसकी हमें इस दुनिया को ज़रूरत है और यह उस क्रांति के बारे में है जो ऊर्जा की दुनिया में हो रही है.

यह गैलरी स्पेशल है क्योंकि यह हमें सोचने, सपने देखने और बदलाव की कामना करने पर मजबूर करती है. यह हमें दिखाता है कि कैसे हमारी दुनिया, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारा अपना जीवन बेहतरी के लिए बदल सकता है.

गौतम अदाणी ने कहा, ”साइंस म्यूजियम समूह के निदेशक सर इयान क्रेग ब्लैचफोर्ड ने इसे खूबसूरती से रेखांकित किया है. हमें उम्मीद है कि यह गैलरी लोगों को अभी और भविष्य में एक टिकाऊ दुनिया बनाने में मदद करेगी और प्रेरणा देगी.”

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