नई दिल्ली, 11 मार्च . केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू कर दिया है. इसे लेकर सरकार की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. सीएए लागू होने के बाद पड़ोसी मुल्क से आए शरणार्थियों को अब भारत की नागरिकता मिल सकेगी.
इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
दरअसल, यह बड़ा फैसला मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले लिया है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था. जिसे सरकार ने लागू करने के साथ ही अपना एक और वादा पूरा कर दिया.
गृह मंत्री अमित शाह कई मौकों पर सीएए को लागू करने की बात भी कर चुके हैं. नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. सीएए के तहत इन देशों से आए हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान शामिल है.
संसद के दोनों सदनों से सीएए कानून 11 दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था. इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी दे दी गई थी.
यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए वहां के अल्पसंख्यकों को इस कानून के जरिए यहां भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. ऐसी स्थिति में आवेदनकर्ता को साबित करना होगा कि वो कितने दिनों से भारत में रह रहे हैं. उन्हें नागरिकता कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा.
यह कानून देश में इन तीन देशों से आए प्रताड़ित लोगों के पुनर्वास और नागरिकता की कानूनी बाधाओं को दूर करेगा. इसके जरिए सांस्कृतिक, भाषायी, सामाजिक पहचान की रक्षा होगी. इसके साथ ही इन शरणार्थियों के आर्थिक, व्यावसायिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार सुनिश्चित होंगे.
सीएए को काफी पहले ही लागू कर दिया जाता, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसमें देरी हो गई. वहीं, इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संकेत दे दिए थे कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू कर दिया जाएगा.
–
एसके/